रायपुर: ग्लोबल एचआरडी नेटवर्क, छत्तीसगढ़ चैप्टर, रायपुर एवं आंजनेय यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में 77वाँ एचआर मीट का सफल आयोजन किया गया।कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर डॉ. सुमित श्रीवास्तव ने कहा कि मानव संसाधन किसी भी संस्थान की असली ताकत होते हैं। एचआर की भूमिका केवल कर्मचारियों के प्रबंधन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संगठनों के भविष्य की दिशा और दशा तय करती है। उन्होंने विश्वविद्यालय में एचआर प्रथाओं एवं संस्थान की प्रगति पर भी प्रकाश डाला।
ग्लोबल एचआरडी नेटवर्क, छत्तीसगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष सुरेन्द्र लांजेवार ने अपने संबोधन में कहा कि आज का एचआर केवल नीतियों और प्रक्रियाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विश्वास, नवाचार और स्थिरता की संस्कृति को गढ़ने का माध्यम बन चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीक और इंसान के बीच पुल बनाने तथा कर्मचारियों को सशक्त करने की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी आज एचआर समुदाय पर है।
डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. प्रांजली गनी ने बताया कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के समग्र विकास हेतु विविध कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर किया जा रहा है, जिनका उद्देश्य शैक्षणिक, मानसिक एवं सामाजिक विकास को एकीकृत रूप से सुनिश्चित करना है।
इस अवसर पर ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट ऑफिसर विक्रम ठाकुर ने कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों को उद्योग विशेषज्ञों से जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं। इससे उन्हें वास्तविक कॉर्पोरेट परिदृश्य की समझ मिलती है और भविष्य की तैयारियों में मदद मिलती है। उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों को न केवल तकनीकी रूप से दक्ष बना रहा है, बल्कि उन्हें उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करने का निरंतर प्रयास कर रहा है।
कार्यक्रम के दौरान आयोजित पैनल डिस्कशन में विभिन्न उद्योग विशेषज्ञों ने भविष्य की कार्यसंस्कृति, संगठनात्मक विकास एवं नई पीढ़ी की कार्यशैली पर अपने विचार साझा किए। छात्रों की सक्रिय सहभागिता ने चर्चा को और अधिक जीवंत एवं सार्थक बना दिया।
इस अवसर पर प्रदेश की विभिन्न संस्थाओं से 50 से अधिक एचआर प्रतिनिधियों ने भाग लेकर अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में डायरेक्टर जनरल डॉ. बी. सी. जैन एवं वाइस चांसलर डॉ. टी. रामाराव की गरिमामयी उपस्थिति रही।
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