Home >> State >> Chhattisgarh

Bharatiya digital news
21 April 2024   bharatiya digital news Harshad Dewangan



विश्व हीमोफीलिया दिवस पर मॉडल ब्लड सेंटर में आयोजित हुआ कार्यक्रम

डॉ.भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर

रायपुर: डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित मॉडल ब्लड सेंटर द्वारा विश्व हिमोफिलिया दिवस (17 अप्रैल) के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन व संचालन ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. विजय कापसे, मेडिकल ऑफिसर डॉ. सूदित पाल एवं समस्त ब्लड बैंक स्टाफ द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बताया गया कि हिमोफिलिया एक वंशानुगत (जेनेटिक) बीमारी है, जो अभिभावकों से संतान में आती है। यह बीमारी दो तरह कि होती है, हिमोफिलिया ए (A) और हिमोफिलिया बी (B)। 

हिमोफिलिया ए (A) हर 5000 पुरूषों में एक को और हिमोफिलिया बी (B), हर 30000 पुरुषों में एक को होता है, यह बीमारी अधिकतर पुरुषों में पायी जाती है, जबकि महिलाएं अधिकतर रोग वाहक होती है।

हिमोफिलिया ए फैक्टर 8 और हिमोफिलिया बी फैक्टर 9 की कमी के कारण होता है, यह फैक्टर्स शरीर में रक्त के स्त्राव को रोकने में मददगार होते हैं, इनकी कमी से रक्त स्त्राव समय पर नहीं रूकता जिससे मरीज की जान भी जा सकती है। हर साल लगभग 60 प्रतिशत हिमोफिलिया के मरीज गंभीर रूप से बीमार होते हैं, जिसमें से 30 प्रतिशत हर साल अपनी जान गंवा देते है। इन मरीजों का कोई स्थायी इलाज नहीं होता है, पहले क्रायोप्रेसिपिटेट (Cryoprecipitate), रक्त का एक घटक जिसमें फैक्टर 8 और फैक्टर 9 होते हैं, देकर इनका उपचार किया जाता था।



नई टेक्नोलॉजी, प्लाज्मा फ्रैक्शनेशन (Plasma Fractionation) के कारण अब फैक्टर 8 और फैक्टर 9 को रक्त से अलग करके उपयोग में लाया जा सकता है, हिमोफिलिया के मरीजों को इन फैक्टर की बार-बार जरूरत पढ़ती है। दवाई कंपनीयों द्वारा बनाये गये यह फैक्टर मंहगे होने के कारण सभी मरीजों को उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। पर अब कुछ दवा कंपनीया जो इन फैक्टर को बनाती है, कंपनी सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) के द्वारा इन मरीजों के लिये फैक्टर 8 और फैक्टर 9 के इन्जेक्शन को मुफ्त में मुहैया कराया जाता है। इन मरीजों की संख्या कम होने के कारण ऑनलाईन पंजीयन कराने की उपयुक्त व्यवस्था अभी नहीं हो पाई है। साथ ही हिमोफिलिया सेंटर जैसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे इन मरीजों की जानकारी प्राप्त की जा सके।

कार्यक्रम के दौरान सुझाव देते हुए विशेषज्ञों ने बताया कि हिमोफिलिया के मरीजों के लिए ऐसी व्यवस्था की आवश्यकता है जिससे मरीजों को चिन्हित कर इनका ऑनलाईन पंजीयन किया जा सके। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में अनिवार्य रूप से हिमोफिलिया सेंटर की व्यवस्था हो जाने से इन मरीजों को काफी फ़ायदा मिलेगा तथा उपचार सुचारु रूप से संभव हो सकेगा। 



Advertisement
bharatiya digital news
Photo Gallery

Related Post

Advertisement

Advertisement

Trending News

Important Links

© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva