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27 November 2024   Admin Desk



बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने सरकार को इस्कॉन की गतिविधियों पर अपना रुख स्‍पष्‍ट करने को कहा

बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने आज सरकार को हिंदू धार्मिक संगठन इस्कॉन की गतिविधियों और इसको लेकर उठाए गए कदमों के बारे में अपना रुख स्‍पष्‍ट करने को कहा। न्यायालय ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने और चटगांव तथा रंगपुर में धारा 144 लगाने वाली याचिका पर आदेश दिया ताकि किसी भी अवांछित घटना को होने से रोका जा सके।

उधर, चटगांव पुलिस ने झड़पों के दौरान अधिवक्ता सैफुल इस्लाम की मौत के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता चिन्मय प्रभु को जेल ले जाने का भी प्रयास किया। ढाका पुलिस ने चिन्मय प्रभु को सोमवार को ढाका हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था, जब वह चटगांव के लिए उड़ान पकड़ने वहां पहुंचे थे।

उन्हें मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच ‘देशद्रोह’ के एक मामले में चटगाँव न्‍यायालय लाया गया। न्‍यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद चिन्मय प्रभु के सैकड़ों समर्थकों ने उन्हें ले जा रहे वाहन को घेर लिया। सुरक्षा कर्मियों ने भीड़ से निपटने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियाँ चलाईं।

इससे पहले 30 अक्टूबर को चिन्मय प्रभु और अन्य 18 लोगों के खिलाफ चटगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई थी। यह मामला 25 अक्टूबर को चटगांव के लालदिघी मैदान में एक सार्वजनिक रैली के दौरान बांग्लादेश के आधिकारिक ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने के आरोप में देशद्रोह से जुडा था।

Source: AIR



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