रायपुर: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशा ला का आयोजन रायपुर में किया गया। इसका आयोजन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा किया गया था। 28-29 सितम्बर को एक निजी होटल में आयोजित इस राष्ट्रीय कार्यशाला में वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरों और इसके कारण मानव स्वास्थ्य में होने वाले दुष्प्रभावों पर चर्चा की गई। कार्यशाला में इनसे बचने के उपायों की भी जानकारी दी गई।
कार्यशाला के पहले दिन 28 सितम्बर को सभी प्रतिभागियों को वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभावों के अध्ययन के लिए समुदाय का भ्रमण कराया गया। रिफरल सिस्टम (Referrel System) को समझने के लिए एम्स रायपुर एवं जिला चिकित्सालय, रायपुर का भी भ्रमण कराया गया। कार्यशाला में राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों द्वारा छत्तीसगढ़ में वायु प्रदूषण से बचाव के उपायों एवं जन-जागरूकता के प्रयासों के लिए छत्तीसगढ़ मॉडल की सराहना की। उन्होंने यहां उठाए जा रहे कदमों को दूसरे राज्यों में भी अपनाने की सलाह दी।
कार्यशाला में भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, एनसीडीसी (National Center for Disease Control) नई दिल्ली के अतिरिक्त संचालक डॉ. आकाश श्रीवास्तव, उप संचालक डॉ. रामेश्वर, सभी राज्यों के राज्य नोडल अधिकारी एवं छत्तीसगढ़ से प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार बेहरा, विभागाध्यक्ष, श्वसन रोग विभाग, एम्स रायपुर, छत्तीसगढ स्वास्थ्य विभाग से एनपीसीसीएचएच (National Program for Climate Change and Human Health) के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. धमेंद्र गहवई, राज्य सलाहकार तथा राष्ट्रीय मानव संसाधन केन्द्र, रायपुर के सलाहकार शामिल हुए।
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