संवाददाता - सन्तोष उपाध्याय
लखनऊ: सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर विद्यालय स्तर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence - AI) शिक्षा प्रारंभ करने और ‘उत्तर प्रदेश कृत्रिम बुद्धिमत्ता आयोग’ गठित करने का प्रस्ताव रखा है।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि आज का दौर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का दौर है, यह केवल तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि मानव सभ्यता की दिशा बदलने वाला ऐतिहासिक मोड़ है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी, ICT लैब्स और ई-कॉन्टेंट पोर्टल्स के माध्यम से शिक्षा में जो डिजिटल क्रांति लाई है, वह देश के लिए एक उदाहरण है।
“अब समय है कि उत्तर प्रदेश Digital Bharat से AI Bharat की ओर अग्रसर हो और भारत का पहला AI Education Model State बने,”
डॉ. सिंह ने पत्र में कहा कि आज कृषि, स्वास्थ्य, उद्योग, शासन और शिक्षा, सभी क्षेत्रों में AI परिवर्तन ला रहा है।
यदि विद्यार्थी प्रारंभिक अवस्था से ही AI को समझें, तो वे भविष्य के रोजगार, नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी के लिए तैयार रहेंगे।
उन्होंने बताया कि सिंगापुर, फिनलैंड, चीन और UAE जैसे देशों में कक्षा 3 से ही AI और Coding की शिक्षा दी जा रही है, जिससे विद्यार्थियों का STEM प्रदर्शन 25–30% और नवाचार प्रवृत्ति 40% तक बढ़ी है।
1. राज्य स्तरीय टास्क फोर्स: IIT कानपुर, IIIT लखनऊ, NCERT व NITI Aayog के विशेषज्ञों को शामिल कर छह माह में कार्ययोजना तैयार की जाए।
2. 200 विद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट: शहरी, ग्रामीण और अल्पसंख्यक क्षेत्रों के विद्यालयों में द्विभाषी (हिंदी-अंग्रेज़ी) पाठ्यक्रम।
3. 10,000 शिक्षकों का प्रशिक्षण: IIT कानपुर, Microsoft, Infosys जैसी संस्थाओं के सहयोग से AI Teaching Excellence Programme।
4. AI आधारित पाठ्यक्रम: कक्षा 3–5: तार्किक सोच व डिजिटल व्यवहार
* कक्षा 6–8: कोडिंग, रोबोटिक्स, डेटा परिचय
* कक्षा 9–12: Python, Machine Learning, AI Ethics
* स्थानीय उदाहरण जैसे AI for Agriculture, AI for Water Management।
5. डिजिटल अवसंरचना: Smart Class Panels, AI Kits, Digital Libraries और RBS Digital Empowerment Centres को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में उपयोग।
डॉ. सिंह ने कहा कि AI जैसा बहुआयामी विषय केवल सामान्य प्रशासनिक तंत्र से नहीं सम्भाला जा सकता। इसके लिए एक पूर्णकालिक आयोग बनाया जाए जो शिक्षा, उद्योग, अनुसंधान, साइबर सुरक्षा और रोजगार सभी पहलुओं का समन्वय करे। यह आयोग AI शिक्षा, AI उद्योग और Ethical AI Governance के लिए नीति ढाँचा तैयार करेगा।
लगभग ₹450 करोड़ की लागत से पाँच वर्षों में यह योजना लागू की जा सकती है। वर्ष 2030 तक:
• कक्षा 6–12 के सभी विद्यार्थी AI साक्षर होंगे।
• 10 लाख विद्यार्थी कोडिंग व डेटा एनालिटिक्स में दक्ष होंगे।
• 1 लाख शिक्षक प्रशिक्षित होंगे।
• हर जनपद में एक AI Resource Centre स्थापित होगा।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा, “AI शिक्षा केवल तकनीकी प्रशिक्षण नहीं, बल्कि भविष्य की नागरिकता निर्माण का माध्यम है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश AI Education Model State बनकर भारत को विश्व में अग्रणी स्थान दिला सकता है।
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