01 May 2023   Admin Desk



जन्म दिवस पर विशेष: लोकप्रियता के शिखर पर बृजमोहन....

Article Written By: देवेन्द्र गुप्ता रायपुर RAIPUR: जनसेवक चाहे कितनी कोशिश कर ले, सभी को खुश नहीं कर पाता। कोई न कोई किसी न किसी बात को लेकर असंतुष्ट रहता ही है। यही वजह है की किसी भी जन सेवक के लिए जनप्रिय बन पाना असंभव की हद तक कठीन कार्य हो जाता है. राजनीति जिसे काजल की काली कोठरी कहा जाता है में तो बिरले ही नेता होते है जो सफलता के साथ ही लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच पाते है और हरदिल अजीज कहलाते है। इसे ही बिरले जनप्रिय सेवकों में एक है प्रदेश के जनप्रिय नेता रायपुर से निरंतर 7 बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल। बृजमोहन अग्रवाल एक ऐसा नाम जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है, और उनका काम आज उन्हें उस मुकाम तक पहुंचा चूका है, जहा तक पहुँचने का सपना हर कोई संजोता है, लेकिन अपने सपनो को साकार नहीं कर पाता। वजह साफ़ है इसके लिए दृढ़ इच्छा शक्ति, कर्मठता और सच्ची सेवा भावना जैसे सद्गुणों की आवश्यकता होती है वह सभी में विद्यमान नहीं होती। आज से 64 वर्ष पूर्व रायपुर के प्रतिष्ठित व्यवसायिक परिवार में जन्मे बृजमोहन अग्रवाल ने किशोरावस्था में कदम रखते ही अपनी अलग राह चुनने का निर्णय ले लिया। पैतृक व्यवसाय में रूचि न लेकर सामाजिक धार्मिक कार्यों में उनकी दिलचस्पी लेने के साथ ही उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से छात्र राजनीति में पदार्पण किया तभी उनके पिता श्री रामजी अग्रवाल समझ गए की उनका पुत्र सेठ नहीं, जनता का सेवक बनेगा। मजदूर दिवस के दिन पैदा हुआ उनका यह बेटा जन सेवा के लिए दिन और रात एक मजदूर की तरह ही खटेगा।परिजनों ने भी उन्हें रोकने टोकने की कोशिश नहीं की बल्कि समय-समय पर प्रोत्साहित भी किया। नतीजन राजनीति के क्षेत्र में बृजमोहन अग्रवाल ने देखते ही देखते अपनी ऐसी विशिष्ठ पहचान बनाई की भाजपा ने 1990 में उन्हें रायपुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया जो कांग्रेस का अभेद गढ़ था। पहली ही बार में बृजमोहन अग्रवाल ने किला फतह कर सबको चमत्कृत कर दिया। इसके बाद से आज तक लगातार चुनाव जीतकर उन्होंने नया इतिहास रच दिया है। अविभाजित मध्यप्रदेश में पटवा सरकार से लेकर रमन सरकार तक सभी महत्वपूर्ण विभागों की उन्होंने जिम्मेदारी संभाली और अपनी विशिष्ठ कार्यशैली से अनूठी छाप छोड़ी है। भाजपा सरकार के दौरान डेढ दर्जन से ज्यादा विभागों दायित्व संभालने का वृहद अनुभव उनके पास है। सत्ता और संगठन ने उन्हें जब-जब जो दायित्व सौपा उनका उन्होंने पूरी कुशलता के साथ निर्वहन किया. भाजपा सरकार के दौरान खेल मंत्री के रूप में रायपुर में अन्तराष्ट्रीय स्टेडियम बनाना, लोकनिर्माण मंत्री के रूप में पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाना, पर्यटन मंत्री के रूप में छत्तीसगढ़ को अंतराष्ट्रीय पर्यटन के नक्शे में पर लाना, और संस्कृति मंत्री के रूप में सिरपुर को विश्व धरोहर घोषित करना, तथा राजिम कुंभ को देश के पांचवे कुंभ के रूप में प्रतिष्ठित करना और स्कूली शिक्षा मंत्री के रूप में शिक्षा क्रांति लाना, ये ऐसे काम है जिसके लिए बृजमोहन अग्रवाल का नाम हमेशा याद रखा जाएगा। आज प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं है। परंतु बृजमोहन अग्रवाल लगातार सातवीं बार रायपुर दक्षिण विधानसभा से जीत दर्ज कर विधायक बने हुए हैं। वे पूरी शिद्दत के साथ विपक्ष का धर्म निभाते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार से जनहित के मुद्दों पर लड़ाई लड़ रहे हैं एवं उनका निरंतर प्रयास है कि भारतीय जनता पार्टी के बिखरे हुए वोटों को पुनः एकजुट किया जाए। बृजमोहन अग्रवाल जितने उत्कृष्ट राजनीतिज्ञ है उससे भी अच्छे एक ऐसे इंसान है जिनके लिए जनसेवा ही ईश्वर की सेवा है। एक पुरानी फिल्म का यह गीत “जीना तो है उसी का जिसने यह राज जाना है काम आदमी का औरो के काम आना “ बृजमोहन अग्रवाल के लिए लिखा गया लगता है। जनसेवा के प्रति ऐसा समर्पण, ऐसी निष्ठा, और लगन किसी जनसेवक में इन पंक्तियों के लेखक ने आज तक नहीं देखी। बृजमोहन के बंगले पर सुबह से देर रात तक गरीब और जरूरतमंद लोगो का तांता लगा रहता है। ऐसा आज तक नहीं हुआ की कभी कोई उनके पास से निराश लौटा हो। हर किसी की हरसंभव सहायता करना मनो उनका धर्म हो । धार्मिक और संस्कारित परिवार में जन्म लेने कि वजह से बृजमोहन अग्रवाल गीता प्रतिपादित निष्काम कर्मयोग को आत्मसात किये हुए है। वे निःस्वार्थ भाव से अपना कर्म करते रहते है। जनहित और जन सेवा ही उनके लिए सर्वोपरि है। दरिद्र, नारायण कि सेवा ही उनके लिए ईश्वर कि सेवा है। वे हर सामजिक समरोह में यही आह्वान करते है कि गरीब परिवार कि शिक्षा,और स्वास्थ के लिए काम करे और गरीब घर कि बेटिओं के शादी- ब्याह के लिए सब मिलकर सहयोग करे। वे इस तरह का उपदेश देते ही नहीं बल्कि इस पर खुद भी अमल करते है गरीबों कि शिक्षा और बीमारों के उपचार के लिए मुक्त हस्त से सहायता करने के साथ ही उन्होंने गरीब परिवारों हजारों बेटिओं की शादी भी कराई है। उन्होंने राजनीति को सेवा का माध्यम बनाकर लाखो लोगो कि दुआए पाई है। यही वजह है कि हर साल उनके जन्म दिन पर उन्हें शुभकामनाये देने उनके निवास पर जनसैलाब उमड़ पड़ता है। वे ऐसे निर्विवाद नेता है जिनका सोशल नेट्वर्किंग साइट पर बड़ा फैन्स ग्रुप है। जो लगातार सक्रिय रहता है और उनके कार्यों की दलगत भावना से ऊपर उठकर प्रसंसा करता है। उनका परिवार आज भी संयूक्त परिवार है। और उनके पुत्र भी अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए अतिथि देवों भव कि पारंपर का पालन कर रहे है. वैसे तो पूरा रायपुर शहर उनका परिवार है वे अपना जन्मदिन ही नहीं बल्कि सभी त्यौहार अपने इस विशाल परिवार के बीच ही मानते है। बृजमोहन अग्रवाल का मानना है जीवन में यदि कुछ काम आता है तो आपका व्यवहार और आत्मीय सम्बन्ध। अपनी इसी सोंच कि वजह से जनप्रिय जनसेवक बने बृजमोहन अग्रवाल को उनके 64 जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनाये ..



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