नई दिल्ली NEW DELHI : सरकारी स्वामित्व वाले बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) ने सोमवार को सितंबर तिमाही के लिए अशोध्य ऋणों में कमी और ब्याज आय में वृद्धि करते हुए 72 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ रु 920 करोड़ का निवल लाभ दर्ज किया। ऋणदाता ने एक साल पहले की समनुरूप अवधि में रु 535 करोड़ का स्टैण्डअलोन लाभ दर्ज किया था।
वित्तीय वर्ष 23 की दूसरी तिमाही में निवल ब्याज आय (एनआईआई) 28.88 प्रतिशत बढ़कर रु. 2,432 करोड़ हो गई, जबकि एक साल पहले की इसी अवधि में यह रु. 1,887 करोड़ थी।
वित्तीय कार्यनिष्पादन पर चर्चा करते हुए, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ ए. एस. राजीव ने कहा कि परिचालन लाभ 31 प्रतिशत की वृद्धि के साथ रु.1,920 करोड़ हो गया है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह रु.1,462 करोड़ था।
उन्होंने कहा कि निवल ब्याज मार्जिन (एनआईएम) बढ़कर 3.89 प्रतिशत हो गया, जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में यह 3.55 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष की शेष अवधि में एनआईएम लगभग 3.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।
इसी प्रकार, निवल एनपीए अथवा अशोध्य ऋण घटकर 0.23 प्रतिशत हो गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही के अंत में 0.68 प्रतिशत था।
प्रावधान कवरेज अनुपात सितंबर, 2022 के 96.06 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 98.40 प्रतिशत हो गया। दूसरी तिमाही के लिए अशोध्य ऋणों हेतु प्रावधान बढ़कर रु.597 करोड़ हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि के लिए रु.532 करोड़ नियत था।
तिमाही के दौरान, सितंबर 2023 के अंत में सकल अग्रिम 23.55 प्रतिशत बढ़कर रु.1,83,122 करोड़ हो गए। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ ए. एस. राजीव ने आशा व्यक्त की कि बैंक वित्तीय वर्ष 24 में लगभग 23 प्रतिशत की मौजूदा अग्रिम वृद्धि बनाए रखेगा, जमाराशियों में 15-16 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करेगा और 3.50 प्रतिशत से अधिक का निवल ब्याज मार्जिन बनाए रखेगा।
पूंजी पर्याप्तता अनुपात के संबंध में ए. एस. राजीव ने बताया कि यह 12.28 प्रतिशत के सामान्य इक्विटी टियर 1 (सीईटी1) अनुपात सहित बढ़कर 17.61 प्रतिशत हो गया।
यह पूछे जाने पर कि क्या ब्याज दर में और बढ़ोत्तरी की उम्मीद है, ए. एस. राजीव ने कहा कि यह जमा और उधार दोनों पक्षों में ही शीर्ष पर है और अगली दो तिमाहियों तक इसमें कोई बदलाव होने की संभावना नहीं है।
उन्होंने कहा कि जमा दरों में वृद्धि के कारण चालू खाता बचत खाता अभिवृद्धि पक्ष पर कुछ दबाव पड़ सकता है, तथापि इसे अगली कुछ तिमाहियों में स्थिर हो जाना चाहिए।
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