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03 February 2024   bharatiya digital news Admin Desk



विश्व कैंसर दिवस पर संजीवनी कैंसर फाउंडेशन एवं वीएचएआई द्वारा एंटी कैंसर जागरूकता कार्यक्रम

रायपुर Raipur, Chhattisgarh: रविवार 4 फरवरी को प्रति वर्ष विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर लोगों में जागरूकता फैलाने हेतु संजीवनी कैंसर केयर फाउंडेशन एवं वॉलिंटरी हेल्थ एसोशियन ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संजीवनी कैंसर केयर फाउंडेशन के फाउंडर एवं सीनियर कैंसर सर्जन डॉ यूसुफ मेमन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन प्रेसिडेंट डॉ राकेश गुप्ता,  सीनियर कैंसर सर्जन डॉ अर्पण चतुर्मोहता एवं डॉ दिवाकर पांडेय, पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू, कीमोथेरेपी एवं इम्यूनोथेरेपी विशेषज्ञ डॉ. अनिकेत ठोके एवं डॉ राकेश मिश्रा, पेन एवं पैलिएटिव मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ अविनाश तिवारी, वॉलिंटरी हेल्थ एसोशियन ऑफ इंडिया से अधवेश मलिक एवं सुष्मिता श्रीवास्तव के साथ रायपुर के जागरूक नागरिक उपस्थित थे।

डॉ. यूसुफ मेमन एवं डॉ. राकेश गुप्ता ने भारत में तंबाकू उत्पादों के कैंसर से संबंध के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया की तंबाकू के सेवन से भारत में हर साल 13 लाख से अधिक मौतें होती हैं, जो प्रति दिन 3500 मौतों के बराबर है। तम्बाकू से होने वाली मौतों और बीमारियों के अलावा देश के आर्थिक और सामाजिक विकास पर भी प्रभाव पड़ता है। उन्होंने आगे कहा कि न केवल तंबाकू का उपयोग कई प्रकार के कैंसर और बीमारियों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है, बल्कि धूम्रपान करने वाले स्वयं के साथ साथ सेकंड हैंड स्मोकिंग के जरिए अपने आस पास वालों का भी कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। डॉ राकेश गुप्ता ने बताया की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छत्तीसगढ़ में कैंसर के बचाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने लोगों को तंबाकू उत्पादों, अत्याधिक अल्कोहल सेवन, एवं अन्य कैंसर कारकों से दूरी रख कर नियमित चेक अप एवं विशेषज्ञों से परामर्श लेने की सलाह दी।

डॉ अर्पण चतुर्मोहता एवं डॉ दिवाकर पांडेय ने छत्तीसगढ़ में बढ़ते कैंसर के मामलों पर प्रकाश डालते हुए बताया की यह एक चिंताजनक विषय है की आजकल गुटखा, बीड़ी, गुढ़ाकू, खैनी एवं अन्य तंबाकू उत्पादों के प्रचलन से मुंह के कैंसर के साथ साथ अन्य कैंसरो के मामले बढ़ते हुए मिल रहे हैं। डॉ दिवाकर पांडेय ने बताया की अचानक वजन कम हो जाना, सांस लेने या निगलने में तकलीफ महसूस होना, अत्यधिक थकान महसूस होना, एनीमिया हो जाना, शरीर में गांठ आना, त्वचा में बदलाव आना, मलमूत्र विसर्जन की आदतों में बदलाव आना, मुंह के ना भरने वाले छाले, मल मूत्र या योनि द्वार से रक्त स्राव जैसे संकेत दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

डॉ अनिकेत ठोके एवं डॉ राकेश मिश्रा ने बताया की आजकल कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी एवं टारगेटेड थेरेपी को रेडिएशन के साथ भी दिया जाता है और एडवांस्ड स्टेज के बड़े हुए कैंसर में भी कैंसर को खत्म करने और काबू करने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सही समय पर पता चलने से कैंसर का पूर्ण इलाज संभव है। डॉ अविनाश तिवारी ने बताया की किसी बड़ी या गंभीर बीमारी के मरीज के दर्द तथा अन्य तकलीफदेह लक्षण को कम करके उसके दिनचर्या और दैनिक जीवन को बेहतर करना पैलिएटिव केअर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिसमें साइंटिफिकल्की दवाइयों के प्रयोग के साथ-साथ  मनोवैज्ञानिक भावनात्मक आध्यात्मिक रणनीतिया तथा सपोर्ट का भी बहुत बड़ा योगदान होता है।

वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन से सुष्मिता श्रीवास्तव एवं अध्वेश मलिक ने कहा की तंबाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों को जानते हुए भी लोग तंबाकू सेवन नहीं कम कर पाते हैं। यह ध्यान में रखते हुए सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पादों के बिक्री एवं कर पर कड़े नियम लाने की जरूरत है जिससे आमजन तक इसकी आसान पहुंच पर बाधा लाई जा सके। 

इस दौरान एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाकर लोगो को जागरूक रहने की सलाह दी गई। इस कार्यक्रम में पूर्व कैंसर पीड़ितों ने भी अपने अनुभव साझा किए एवं लोगों को तंबाकू उत्पादों से दूरी बनाए रखने की समझाइश दी।



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