February 28, 2024   Admin Desk



जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए अदाणी फाउंडेशन ने किया वर्मी कम्पोस्ट बैग का वितरण

* तीन गावों के 60 किसानों को दिया गया वर्मी कंपोस्ट बैग

अंबिकापुर Ambikapur, Chhattisgarh, India: अदाणी फाउंडेशन द्वारा जिले के उदयपुर ब्लॉक में वर्मी कम्पोस्ट बैग का वितरण बीते शुक्रवार को किया गया। राजस्थान राज्य विद्युत के सीएसआर मद् के तहत परसा ईस्ट कांता बासन के पास के ग्राम घाटबर्रा, साल्ही और फतेहपुर गांव के 60 किसानों को वर्मी कम्पोस्ट बैग वितरित किए गए। कार्यक्रम के दौरान किसानों के लिए एक जागरूकता शिविर भी आयोजित किया गया।  जिसमें किसानों को वर्मी कम्पोस्ट बनाने की प्रक्रिया, इसके उपयोग के लाभ और जैविक खेती की सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में जानकारी दी गई। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय किसानों को पर्यावरण के अनुकूल खेती को बढ़ावा देने तथा जैविक खेती को अपनाने व मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने सहित आय उन्नयन में मदद करना है।

क्या है, वर्मी कम्पोस्ट और इसके लाभ:

वर्मी कम्पोस्ट या केंचुआ खाद मिट्टी की उर्वरता और जल धारण क्षमता में सुधार करता है। साथ ही रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों की आवश्यकता को कम करता है। इससे उपज की गुणवत्ता और पोषण मूल्य में वृद्धि होती और पर्यावरण के लिए अनुकूल और मजबूत खेती को बढ़ावा मिलता है। कार्यक्रम में पधारे ग्राम फतेहपुर के किसान, छत्तर सिंह ने कहा, "मुझे खुशी है कि अदाणी फाउंडेशन जैविक खेती को बढ़ावा दे रहा है। वर्मी कम्पोस्ट बैग से केंचुआ खाद बना कर मुझे अपनी उपज की गुणवत्ता बढ़ाने और कृषि लागत कम करने में मदद मिलेगी।"

अदाणी फाउंडेशन द्वारा ग्रामीण विकास के लिए गुणवत्ता युक्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, आजीविका और कौशल विकास कार्यक्रमों का संचालन तथा महिला सशक्तिकरण और सामाजिक विकास पहलों का क्रियान्वयन के कई कार्यक्रमों का संचालन करता है। ग्रामीण समुदायों के विकास की यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय बढ़ाने में सहायता करने की दिशा में एक कदम है। अदाणी फाउंडेशन भविष्य में भी इसी तरह की पहल जारी रखने की योजना बना रहा है। जिसमें जैविक बीजों का उपयोग, प्राकृतिक कीट नियंत्रण विधियों का उपयोग और मिट्टी और पानी संरक्षण तकनीकों का उपयोग शामिल है।



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