रायपुर, CG (INDIA): अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य योग अभ्यास के लाभों के बारे में विश्व भर में जागरूकता बढ़ाना है। 'योग' शब्द संस्कृत से निकला है और इसका अर्थ है जुड़ना या एकजुट होना, जो शरीर और चेतना के मिलन का प्रतीक है। कलिंगा विश्वविद्यालय ने "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" थीम के साथ 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया, जो इस बात पर जोर देता है कि योग न केवल व्यक्तिगत कल्याण, बल्कि हमारी पृथ्वी के स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। यह कार्यक्रम शिक्षा संकाय, फार्मेसी संकाय, विज्ञान संकाय (योग विभाग) और कलिंगा विश्वविद्यालय के डीन छात्र कल्याण द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार के छत्तीसगढ़ योग आयोग के सहयोग से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के संकाय और अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत ऑनलाइन मंच पर शामिल होकर हुई, जहां भारत के प्रधानमंत्री द्वारा इस कार्यक्रम की भव्य शुरुआत की गई। इसके बाद, कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. श्रीधर ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए योग की दिव्य उपचार शक्तियों पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नियमित योग अभ्यास से स्वस्थ और स्वस्थ शरीर प्राप्त किया जा सकता है।
योग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. राजेश माणिक ने ओम के उच्चारण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। योग विभाग के डॉ. राजेश माणिक और डॉ. धनंजय जैन के मार्गदर्शन में उपस्थित लोगों ने विभिन्न योग आसनों और श्वास अभ्यासों में सक्रिय रूप से भाग लिया। यह सत्र योग के ज़रिए अपने शरीर की देखभाल करने पर केंद्रित है, साथ ही उस धरती की भी देखभाल पर ध्यान देता है, जिस पर हम सब रहते हैं। योग विभाग के विद्यार्थियों ने प्रतिभागियों को योग आसन समझने में सहायता के लिए मंच पर लाइव योग आसन प्रस्तुत किए। योग विभाग के सहायक प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. धनंजय जैन ने ध्यान के बारे में बहुत ही शिक्षाप्रद सत्र दिया।
सत्र के बाद, कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभाग और संकायों के प्रयासों की सराहना करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव रखा गया तथा छत्तीसगढ़ योग आयोग द्वारा प्रतिभागियों को 100 टी-शर्ट वितरित की गईं। समारोह का समापन पौष्टिक जलपान वितरण के साथ हुआ। कलिंगा विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह एक शानदार सफलता थी, जिसमें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त करने में योग के महत्व को बढ़ावा दिया गया।
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