वाशिंगटन: अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश मुनि को अमरीका में वाशिंगटन डी सी के कैपिटल हिल में अमेरिकी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह अमेरिकी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय भिक्षु हैं।
उन्हें राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से यूएस कांग्रेसमेन ब्रैड शेरमेन ने सामानित किया। आचार्य लोकेश मुनि को सम्मान स्वरूप राष्ट्रपति पुरस्कार, गोल्डन शील्ड, सम्मान प्रमाण पत्र और और राष्ट्रपति जो बाइडन के हस्ताक्षर वाला प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। लोकेश मुनि को यह पुरस्कार भगवान महावीर के निर्वाण प्राप्ति के 2550 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए प्रदान किया गया है।
इस मौके पर केलीफोर्निया के पूर्व वाटर कमीश्नर अशोक भट्ट के नेतृत्व में भारतीय समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था । प्रतिनिधिमंडल ने आचार्य श्री को बधाई दी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने आचार्य लोकेश मुनि के वैश्विक शांति प्रयासों की प्रशंसा करते हुए साइटेशन में लिखा कि अपना समय देकर आप हमारे सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजने में मदद कर रहे हैं। इनकी हमें पहले से अधिक जरूरत है। हम ऐसे क्षण में जी रहे हैं जिसे आशा, प्रकाश और प्यार की आवश्यकता है आप अपनी सेवा के माध्यम से ये तीनों उम्मीदें प्रदान कर रहे हैं। समारोह में अमेरिकन राष्ट्रपति की ओर से यूएस कांग्रेसमेन ब्रैड शेरमेन ने साइटेशन पढ़ा।
पुरस्कार प्राप्त करने के बाद लोकेश मुनि ने राष्ट्रपति जो बाइडन का आभार जताते हुए उम्मीद जताई कि भारत और अमेरिका मानव जाति के उत्थान के लिए मिलकर काम करते रहेंगे। जैन आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि इस पुरस्कार ने उनकी जिम्मेदारी को और बढ़ा दिया है। यह सम्मान भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक मूल्यों, भगवान महावीर के जैन सिद्धांतों का सम्मान है।
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