नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा है कि स्वदेशी हथियार प्रणाली भारतीय सेना के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष से उत्पन्न वैश्विक स्थिति के कारण आत्मनिर्भर भारत का महत्व बढ़ गया है। पत्रकारों के साथ बातचीत में सेना प्रमुख ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष से हमें जो सबक मिला है, उनमें से एक यह भी है कि हम कैसे आत्मनिर्भर बनें और हथियार सहित आजीविका पर विदेशी निर्भरता कम करें।
जनरल पांडे ने कहा कि स्वदेशीकरण एक अवसर है न कि अवरोध। उन्होंने कहा कि आधुनिकीकरण के लिए स्वदेशीकरण की आवश्यकता होती है। सेना प्रमुख ने कहा कि स्वदेशी रक्षा उद्योगों के साथ समझौते में पिछले चार वर्षों में तीन गुना वृद्धि हुई है और अगले दस वर्षों में भारतीय कंपनियों के साथ आठ लाख करोड़ रुपये के सौदे किए जाएंगे।
एक सवाल के जवाब में जनरल पांडे ने कहा कि रक्षा उद्योग के लिए अपार संभावनाएं हैं जोकि 40 हजार करोड़ रुपये की प्रमुख रक्षा खरीद से स्पष्ट है।
यह पूछे जाने पर कि निकट भविष्य में सेना किन नई तकनीकों को शामिल करना चाह रही है, जनरल पांडे ने कहा कि यूएवी, काउंटर-ड्रोन सिस्टम, ग्राउंड-आधारित खुफिया-निगरानी-टोही कार्यों के लिए उपकरणों और प्लेटफार्मों की आवश्यकता होती है।
सेना प्रमुख ने कहा कि रक्षा प्रणाली के डिजाइन, विकास और विनिर्माण के चार स्तंभ - संसाधनों का आबंटन, नीतियां, व्यावहारिक बाजार और प्रतिस्पर्धा हैं। Source: AIR Title in English: Army Chief General Manoj Pandey said – Indigenous weapon system is the only way forward for the Indian Army.
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