नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि ई-रुपये की शुरुआत देश में मुद्रा के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि इससे यह व्यापार करने और लेनदेन का तरीका बदल जाएगा।
उन्होंने मुंबई में फिक्की और बैंकिंग संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि रिजर्व बैंक, डिजिटल करेंसी की शुरूआत से पहले सभी पहलुओं का समाधान कर लेना चाहता है। उन्होंने कहा कि बैंक को आशा है कि कैलेंडर वर्ष 2023 तक डिजिटीकृत किसान क्रेडिट कार्ड ऋण पूरी तरह से शुरू हो जाएगा।
केन्द्रीय बेंक के गवर्नर ने बताया कि पिछले महीने किसान क्रेडिट कार्ड ऋण पर शुरू से अंत तक डिजिटीकरण के साथ प्रायोगिक परियोजना शुरू की गई थी। इस प्रक्रिया में किसानों को ऋण की मंजूरी के लिए बार-बार बैंकों में जाने की आवश्यकता नहीं है। मुद्रास्फीति के बारे में शक्तिकांत दास ने कहा कि केन्द्रीय बैंक मुद्रास्फीति के रुझान और पिछले कार्यों के प्रभाव की बारीकी से निगरानी कर रहा है। Source: AIR Title in English: The introduction of e-rupee is a historic moment in the history of currency in the country.
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