रायपुर: कभी-कभी चिकित्सा विज्ञान के आँचल में ऐसे चमत्कार होते हैं जो उम्मीद से भी आगे निकल जाते हैं। ILS हॉस्पिटल रायपुर में ऐसा ही एक अनोखा क्षण देखने को मिला - जब केवल 32 सप्ताह की गर्भावस्था में एक माँ ने तीन प्री-टर्म (असमय जन्मे) शिशुओं को जन्म दिया। प्रत्येक बच्चे का वजन मात्र 1.3 से 1.5 किलोग्राम था। यह चुनौतीपूर्ण प्रसव और उसके बाद का उपचार एक माँ के साहस, और ILS हॉस्पिटल रायपुर की अत्याधुनिक NICU टीम की समर्पित मेहनत का परिणाम रहा।
इस पूरी उपचार प्रक्रिया में हॉस्पिटल के विशेषज्ञ चिकित्सकों डॉ. मनीषा शर्मा (MBBS, DGO, DNB – Obstetrics & Gynaecology, DMAS, FCCS, CIMP, FMAS) और डॉ. राकेश सिंह (MBBS, MD, Clinical Fellowship -Neonatology) का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
डिलीवरी को आपातकालीन सी-सेक्शन (LSCS) के माध्यम से सम्पन्न किया गया, क्योंकि माँ की गर्भावस्था में PPROM और Oligohydramnios जैसी गंभीर जटिलताएँ मौजूद थीं। जन्म के तुरंत बाद तीनों शिशुओं को श्वसन कष्ट (Respiratory Distress) हुआ और उन्हें तत्काल CPAP सपोर्ट पर रखा गया।
* ट्रिपलेट A को जन्मजात विकार जैसे हाइड्रोसेफेलस और क्लब-फुट की चुनौती थी, फिर भी उसने जीवन से हार नहीं मानी।
* ट्रिपलेट B ने शुरुआती संक्रमण और सांस की कठिनाई का सामना किया, लेकिन धीरे-धीरे उसने वजन और ताकत दोनों पाई।
* ट्रिपलेट C ने दवाओं और निरंतर देखभाल से तेज़ी से सुधार दिखाया।
अगले 25 दिनों तक, NICU टीम ने दिन-रात निगरानी रखी - IV एंटीबायोटिक्स, फोटोथैरेपी, फीडिंग सपोर्ट और सतत चिकित्सकीय देखभाल के साथ। इस सफ़र में माँ ने भी सक्रिय भूमिका निभाई - कंगारू मदर केयर (KMC) और स्तनपान के माध्यम से अपने बच्चों को सबसे बड़ा सहारा दिया - माँ का स्नेह और स्पर्श।
अंततः, जब तीनों बच्चे लगभग 2 किलोग्राम वजन के साथ स्वस्थ होकर घर लौटे, तो यह क्षण पूरे हॉस्पिटल के लिए गर्व का पल था। यह केवल एक उपचार नहीं, बल्कि एक माँ और उसकी संतानों की जीत थी।
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