रायपुर: आंजनेय यूनिवर्सिटी के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) और शैक्षणिक विभाग द्वारा नैक प्रत्यायन रूपरेखा की समझ : मानदंड, प्रमुख संकेतक और मापन संकेतक “Understanding NAAC Accreditation Framework: Criteria, Key Indicators and Metrics” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. जी. ए. घनश्याम, संयुक्त निदेशक, उच्च शिक्षा संचालनालय रहे, जिन्होंने NAAC मूल्यांकन प्रक्रिया, मानदंडों तथा गुणवत्ता संकेतकों पर विस्तार से प्रकाश डाला। अपने उद्बोधन में डॉ. जी.ए. घनश्याम ने कहा कि NAAC ग्रेडिंग किसी भी शिक्षण संस्थान की गुणवत्ता, कार्यक्षमता और उपलब्धियों का जीवंत दस्तावेज होती है, जो संस्थान की शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार, सामाजिक उत्तरदायित्व तथा सतत् सुधार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने शिक्षकों और प्रशासकों से आह्वान किया कि वे संस्थान की गुणवत्ता संस्कृति को और सुदृढ़ करने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
डायरेक्टर एकेडमिक्स डॉ. संध्या वर्मा ने नैक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एनएएसी (NAAC) केवल एक मूल्यांकन संस्था नहीं, बल्कि यह उच्च शिक्षा की गुणवत्ता का मानक है। यह किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए यह सुनिश्चित करता है कि वहां शैक्षणिक उत्कृष्टता, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और सतत् सुधार की प्रक्रिया सक्रिय रूप से संचालित हो रही है या नहीं।
डॉ. वर्मा ने कहा कि एनएएसी ग्रेडिंग एक गुणवत्ता सूचक है, जो न केवल छात्रों, अभिभावकों और समाज को यह विश्वास दिलाता है कि संस्थान उच्चस्तरीय शिक्षा प्रदान कर रहा है, बल्कि यह संस्थान की साख और विश्वसनीयता को भी सुदृढ़ करता है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के महानिदेशक डॉ बीसी जैन, कुलपति डॉ टी. रामाराव, समस्त संकाय अध्यक्ष एवं सदस्य उपस्थित रहे। सत्र के अंत में एक संवाद परिचर्चा का आयोजन भी हुआ, जिसमें शिक्षकों ने नैक मूल्यांकन सम्बन्धी विविध पहलुओं पर अपने विचार रखे।
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