कवर्धा: जवाहर नवोदय विद्यालय उड़ियाकला के विद्यार्थियों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरणीय ज्ञान, पारंपरिक विज्ञान और जीवनशैली की गहन समझ प्रदान करने के उद्देश्य से रायपुर स्थित मुक्तांगन एवं जनजातीय संग्रहालय का शैक्षिक भ्रमण कराया गया। विद्यालय द्वारा आयोजित इस शैक्षिक यात्रा में विद्यार्थियों ने मुक्तांगन में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक जीवनशैली को करीब से जाना। यहाँ प्रदर्शित पारंपरिक घर, कृषि तकनीक, जल संचयन की विधियाँ, औजार और प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग देखकर छात्र-छात्राओं ने समझा कि हमारे पूर्वजों की जीवनशैली विज्ञान-आधारित और स्थायी विकास के दृष्टिकोण से अत्यंत प्रासंगिक थी।
इसी प्रकार जनजातीय संग्रहालय में विद्यार्थियों ने पारंपरिक औषधियों, वनस्पतियों के उपयोग, वर्षा जल संचयन, जैविक खेती और पारंपरिक निर्माण तकनीकों के माध्यम से यह जाना कि विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं, बल्कि हमारे समाज और संस्कृति में गहराई से रचा-बसा है। इस भ्रमण ने विद्यार्थियों में न केवल सांस्कृतिक चेतना का विस्तार किया, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी प्रबल किया। छात्रों ने अनुभव किया कि ‘विरासत से विकास’ का तात्पर्य अतीत की सराहना के साथ-साथ उसमें छिपे स्थायी विकास और वैज्ञानिक सोच को वर्तमान जीवन में अपनाना भी है।
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