लखनऊ संवाददाता-सन्तोष उपाध्याय
लखनऊ LUCKNOW: राजधानी लखनऊ में लोक भवन स्थित मुख्य सचिव सभागार में दिन सोमवार को उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के द्वारा अति प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर का डॉ. वेल्दी फिशर पुरस्कार प्रदान किया गया। विद्या दास को आजीवन शिक्षा एवं शिव नाडर फाउण्डेशन को प्रौढ़ साक्षरता के क्षेत्र में किए गए। विशिष्ट उपलब्धियों के लिए डॉ. वेल्दी फिशर पुरस्कार मिला। ओडीशा के पिछड़े क्षेत्रों में औपचारिक, अनौपचारिक एवं आजीवन शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए विद्या दास को तथा उत्तर प्रदेश में औपचारिक एवं प्रौढ़ शिक्षा के कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने हेतु मेसर्स शिव नाडर फाउण्डेशन को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
दुर्गा शंकर मिश्र मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन ने बताया कि यदि एक महिला साक्षर होती है, तो वह अपने पूरे पीढ़ी को शिक्षित एवं स्वावलम्बी बनाती है । इसी क्रम में संजय आर. भूसरेड्डी, आई.ए.एस. से.नि. ने बताया कि साक्षरता से शिक्षा एवं शिक्षा से सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है। इण्डिया लिटरेसी बोर्ड, लखनऊ द्वारा अतिप्रतिष्ठित डॉ. वेल्दी फिशर पुरस्कार ओडीशा की विद्या दास को उनके द्वारा औपचारिक, अनौपचारिक एवं आजीवन शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रदान किया गया।
वहीं शिव नाडर फाउंडेशन को उत्तर प्रदेश राज्य में औपचारिक एवं प्रौढ़ शिक्षा के कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने हेतु संयुक्त रूप से रुपए एक लाख, स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति-पत्र एवं अंगवस्त्र आदि प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान मुख्य अतिथि दुर्गा शंकर मिश्र मुख्य सचिव उ.प्र. शासन द्वारा लोक भवन स्थित सभागार में प्रदान किया गया। सम्मान प्रदान करते हुए दुर्गा शंकर मिश्र ने पुरस्कृत अतिथियों एवं इण्डिया लिटरेसी बोर्ड के पदाधिकारियों एवं विद्यार्थियों को उनके द्वारा शिक्षा-साक्षरता एवं कौशल विकास के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि आज के दौर में प्रत्येक भारतीय का यह कर्तव्य है कि वह खुद तो साक्षर एवं शिक्षित हो ही, साथ ही औरों को भी साक्षर एवं शिक्षित बनाए। उन्होंने आह्वान किया कि प्रत्येक बालिका को साक्षर बनाया जाए, जिससे उसकी आने वाली समस्त पीढ़ी शिक्षित हो सके। एक साक्षर महिला पूरे परिवार, समाज एवं राष्ट्र की शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देती है। इण्डिया लिटरेसी बोर्ड के अध्यक्ष संजय आर. भूसरेड्डी, आई.ए.एस. से.नि., ने संस्थान की पृष्ठभूमि से अवगत कराते हुए बताया कि डॉ. वेल्दी फिशर पुरस्कार, उनके जन्म दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष औपचारिक एवं अनौपचारिक साक्षरता, प्रौढ़ शिक्षा, सतत शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं को प्रदान किया जायेगा।
भूसरेड्डी ने बताया कि इण्डिया लिटरेसी बोर्ड द्वारा वर्ष 1956 से औपचारिक एवं अनौपचारिक साक्षरता, प्रौढ़ शिक्षा, सतत शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है और साथ ही राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को कई जनपदों में संचालित कर रहा है।
पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में सुश्री विद्या दास तथा शिव नाडर फाउंडेशन के प्रतिनिधि रॉबिन सरकार के द्वारा भी अपने अनुभव साझा किए गए। समारोह में पद्मश्री डॉ. विद्या बिन्दु एवं इण्डिया लिटरेसी बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम सिंह, न्यायमूमि राजमणि चौहान से.नि., जी. पटनायक, आई.ए.एस. से.नि., विष्णु प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रेम कांत तिवारी द्वारा किया गया। इण्डिया लिटरेसी बोर्ड की निदेशक सन्ध्या तिवारी, आई.ए.एस. से.नि. द्वारा समारोह में उपिस्थत समस्त अतिथियों एवं महानुभावों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
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