लखनऊ संवाददाता-संतोष उपाध्याय
लखनऊ LUCKNOW: राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह अपने भविष्यवादी सोच और प्रगतिशील विचारों के लिए जाने जाते हैं। वे वर्तमान परिस्थिति से एक कदम आगे बढ़कर अपने विचार रखते हैं जोकि भावी पीढ़ी व युवाओं के उज्ज्वल भविष्य पर ज्यादा केंद्रित रहते हैं। शुक्रवार को एक बार फिर उन्होंने एक ऐसा ही ट्वीट किया जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया है। डॉ. राजेश्वर सिंह ने जातिगत राजनीति से देश को होने वाले नुकसानों, इससे युवाओं को दूर रखने तथा उनके बेहतर भविष्य को लेकर कार्य करने की बात कही है।
उन्होंने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर लिखा कि भारत एक युवा देश है जहां की 50% जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है और 65% जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। पिछले 1000 वर्षों में हम पर तुर्क, मंगोल, ब्रिटिश, पुर्तगाली, फ्रांसीसी आदि द्वारा 200 बार हमला किया गया है और पुरानी पीढ़ियों के 300 मिलियन से अधिक लोग जाति के बावजूद लड़ाई और आक्रमण में मारे गए हैं। हमेशा भारत पर हमला हुआ था जातियों पर नहीं। इस दौरान डॉ. राजेश्वर सिंह ने इजरायल में हो रहे युद्ध का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इजराइल के इतना विकसित होने के बावजूद उस पर हमला हुआ और किसी को मारने से पहले आतंकवादियों ने यह नहीं पूछा कि वे कौन हैं वे सभी इजरायली थे और उनकी हत्या कर दी गई।
देश की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय युवाओं ने एशियाई खेलों में 100 पदक जीते, आजादी के बाद का अब तक का सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन, युवाओं को TOPS, खेलो इंडिया आदि जैसी योजनाएं मिलीं, संसाधनों और नीतियों के कारण यह संभव हुआ। भारत चांद पर पहुंचा, अंतरिक्ष विज्ञान में सफल मिशन हुआ। एक अरब डॉलर के 100 स्टार्टअप लगभग 100 महीनों में शुरू हुए। ये सभी उपलब्धियां जाति से परे हैं।
युवाओं को जातिगत राजनीति से दूर रखने की सलाह देते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि यह हमारा दायित्व है कि युवाओं को सभी संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए न कि जाति की राजनीति में उनका समय बर्बाद करना चाहिए। हमें यह हमेशा सोचना होगा कि युवाओं को कैसे मजबूत बनाया जाए और देश को अधिक एकीकृत और एकजुट कैसे बनाया जाए।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि आने वाले समय में युवाओं की प्रतिस्पर्धा अधिक कठिन होगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटेलिजेंट मशीनें जो 2029 तक ट्यूरिंग टेस्ट पास कर लेंगी और 2045 तक सिंगुलैरिटी हासिल कर लेंगी, इसका मतलब है कि मशीनों की बुद्धिमत्ता इंसानों की संयुक्त बुद्धि से अधिक होगी। इसके अलावा बहुराष्ट्रीय कंपनियों और उच्च स्तर के अनुसंधान और विकास के दुनिया के हर हिस्से में आने से प्रतिस्पर्धा दिन-ब-दिन वैश्विक और कठिन होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमारे युवाओं, हमारे बच्चों को अभी से तैयार रहना होगा। युवाओं को जातिगत राजनीति से दूर रखने की सलाह देते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि अगर हम अपने युवाओं का समय जाति की राजनीति में बर्बाद करेंगे तो क्या वे इसका सामना कर पाएंगे? वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए अध्ययन करने और प्रदर्शन में सुधार करने के लिए युवाओं को जो भी संसाधन चाहिए उन्हें उपलब्ध कराना हमारा दायित्व है। देश का युवा प्रतिभाशाली, मेहनती है और उसकी आकांक्षाएं व सपने हैं। हम सभी को यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि वे अपने सपनों को हासिल करें और देश को गौरवांवित करें।
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