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26 January 2024   bharatiya digital news Admin Desk



देश और दुनिया ने कर्तव्य पथ पर देखा बस्तर का मुरिया दरबार

रायपुर Raipur, Chhattisgarh: आज 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर तालियों की गड़गड़ाहट के बीच बस्तर की आदिम जनसंसद विषय पर केंद्रित छत्तीसगढ़ की झांकी ने लोगों का मन मोह लिया। मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उत्सुकता के साथ झांकी का अवलोकन किया।  देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने तालियां बजाकर उत्साहवर्धन  किया। झांकी में जगदलपुर के मुरिया दरबार और बड़े डोंगर के लिमऊ राजा को मुख्य रूप से प्रदर्शित किया गया था।

कर्तव्य पथ पर राज्यों की झांकियों की परेड में छत्तीसगढ़ की झांकी छठवें क्रम पर थी। उद्घोषणा में जनजातीय समाज मे आदिम काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना और विषय वस्तु की प्राचीनता के बारे में जब बताया गया तो दर्शकों  का कौतुहल बढ़ गया। उन्होंने तालियां बजाकर सराहना की।  झांकी के समक्ष छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने मांदर की थाप और बांसुरी की धुन पर परब नृत्य का प्रदर्शन किया।

छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम 'भारत लोकतंत्र की जननी' पर आधारित है। 'बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार' विषय पर बनी झांकी में जनजातीय समाज के सांस्कृतिक सौंदर्य और कलाधर्मिता को भी दर्शाया गया था।

मुरिया दरबार विश्व-प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की एक परंपरा है,  जो 600 सालों से निरंतर जारी है। कोंडागांव जिले के बड़े-डोंगर के लिमऊ-राजा नामक स्थान पर भी आदिम लोकतांत्रिक चेतना के प्रमाण मिलते हैं। इस स्थान से जुड़ी लोककथा के अनुसार आदिम-काल में जब कोई राजा नहीं था, तब आदिम-समाज एक नीबू को राजा का प्रतीक मानकर आपस में ही निर्णय ले लिया करता था।



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