भोपाल Bhopal, Madhya Pradesh, India: थाईलैंड में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल सांची के बौद्ध स्तूप परिसर में रखे भगवान बुद्ध के शिष्यों अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हंत महामोगल्यान के पवित्र अवशेषों को दर्शन के लिए बैंकाक, थाईलैंड और कंबोडिया विहार ले जाया गया है। विश्व के विभिन्न देशों से बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायी भगवान बुद्ध और उनके शिष्यों के पवित्र अवशेषों के दर्शन के लिए पहुंच रहें है। प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने बतया कि संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशन में 22 फरवरी से 18 मार्च 2024 तक थाईलैंड और विभिन्न शहरों में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को अनुयायियों और आमजन के अवलोकन के लिए "बुद्धभूमि भारत" पैवेलियन में रखा गया है।
मध्यप्रदेश में सांची स्तूप की प्रतिकृति और पर्यटन स्थलों के वीआर 360° वीडियो प्रदर्शित कर थाईलैंड के पर्यटकों को आकर्षित कर मध्यप्रदेश आने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। अपर प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड विवेक क्षोत्रिय के नेतृत्व में पहला दल थाईलैंड पहुंचा है।
सांची से थाइलैंड पहुंचने के बाद, अस्थि अवशेषों का एक भव्य समारोह में स्वागत किया गया। बैंकॉक में सनम लुआंग मंडप के एक भव्य मंडपम में स्थापित गया है, जहां दुनियाभर से बौद्ध अनुयायी इन अस्थि अवशेषों पर श्रद्धा अर्पित कर रहे हैं। यहां मध्यप्रदेश के स्टॉल में मौजूद अधिकारियों द्वारा अवशेषों एवं सांची स्तूपा के बारे में जानकारी दी जा रही है। वीआर के माध्यम से सैकड़ों लोगों/भिक्षुओं/अतिथियों/गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सांची भ्रमण किया गया है। संस्कृति और पर्यटन विभाग की पहल से दुनिया भर के बौद्ध धर्मावलंबी इन अवशेषों के दर्शन कर पा रहे हैं। इस पवित्र यात्रा की समाप्ति 19 मार्च 2024 को होगी, जिसके बाद अस्थि अवशेषों को वापस सांची लाया जाएगा।
© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva