लखनऊ संवाददाता संतोष उपाध्याय
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में जेठ महीने का अपना एक विशेष महत्व है। तपती हुई गर्मी चिलचिलाती धूप में जेठ के मंगल को शहर के श्रद्धालु भगवान बजरंगबली को समर्पित करते हुए भंडारों का आयोजन करते हैं। यह परंपरा राजधानी लखनऊ में सैकड़ो वर्ष पुरानी है। राजधानी के अगल-बगल हरदोई रोड अयोध्या रोड रायबरेली रोड बाराबंकी रोड उन्नाव रोड पर भी इस परंपरा का विस्तार हुआ है। भगवान बजरंगबली को समर्पित इन भंडारों में भक्त चना हलवा ,पूरी सब्जी, छोले पूरी, छोला चावल बूंदी कोल्ड ड्रिंक लस्सी आदि का प्रसाद वितरित करते हैं। शीतल जल के साथ वितरित होते प्रसाद से सारा शहर तृप्त होता है।
इन भंडारों की परंपरा की शुरुआत नवाबी कार्यकाल से ही शुरू हो गई थी। बढ़ते आधुनिकीकरण ने इसको नया रूप दिया। नगर निगम लखनऊ और शहर प्रशासन की ओर से भंडारों की सूचना पर कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था की गई है। विशेष भीड़ भाड़ वाले स्थान पर पुलिस प्रशासन का भी यथोचित प्रबंध किया जाता है। सरोजनी नगर, गौरी , शांति नगर, बिजनौर,अलीगंज , हजरतगंज ,बांग्ला बाजार निशातगंज आलमबाग, गोमती नगर, शहिद नगर सहित अन्य स्थानों पर वा मंदिरों में एक दिन पूर्व रामायण का अखंड पाठ हो रहा है और वहीं पर भंडारा किया जा रहा है।
स्थानीय भक्तो में जगह जगह संजय सिंह चौहान पूर्व जिला अध्यक्ष वा संरक्षक, अभिनेंद्र सिंह राठौर, रविंद्र सिंह चौहान, दीप्ति सिंह, भाल चंद्र सिंह गौतम, एसके चौहान, राकेश सिंह, अर्जित ओंकार, अरिजीत सिंह, हिमांशु चौहान, विभव सिंह, शाश्वत, अमर्त्य, सहर्ष, अजीत, राजीव गौतम, इंदिरा, निधि, कल्पना, अभिषेक चौहान सहित भक्तगणों ने मिलकर में 90 शहीद अंबेडकर यूनिवर्सिटी के पास भव्य भंडारे का आयोजन किया ।
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