भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नागरिकों को गुरू पूर्णिमा पर बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि भारत गुरूकुल शिक्षा और जीवन शैली के बूते पर पूरे विश्व में सदैव नेतृत्व करता रहा है। हमारा देश अपनी मूल मानव संस्कृति के लिए जाना जाता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आध्यात्मिक संत, महात्माओं, शिक्षकों, प्राध्यापकों, कुलगुरुओं और विद्यार्थियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि माता-पिता के बाद गुरू हमारा जीवन का नया पदार्पण करता है, जिससे संस्कारित रूप से जीवन में बदलाव आता है। हमारे देश में प्राचीन काल से ही विदेशों से युवा शिक्षा ग्रहण करने आते थे। हमारे देश में प्राचीन काल में गुरुकुल की परंपरा रही है। नालंदा, दक्षशिला, विक्रमजीत शिला, उज्जैन का सांदीपनी आश्रम विश्व प्रसिद्ध हैं, जिन्होंने विश्व में नया इतिहास रचा और भारत को दुनिया में अलग पहचान दिलाई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने भारतीय कुलगुरू परम्परा को चिरस्थाई बनाने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपतियों का नाम बदलकर कुलगुरु किया है। विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में प्राचीन मान्यताओं के अनुरूप शिक्षा संस्कृति की पुनर्स्थापना की गई है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व में भारतीय प्राचीन संस्कृति का परचम लहराया है, उनके प्रयासों से शिक्षा के हर क्षेत्र में बदलाव आया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उम्मीद जताई कि आदिकाल से श्रद्धा का केंद्र रही गुरु-शिष्य परम्परा शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के प्रयासों से पूरे देश में पुनर्स्थापित होगी।
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