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30 July 2024   bharatiya digital news Admin Desk



जनजातियों को रोजगार से जोड़ने के लिये कौशल विकास प्रशिक्षण पर जोर

भोपाल BHOPAL,MP: मध्यप्रदेश में जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों एवं युवाओं के कौशल विकास के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। कौशल विकास कर जनजातियों को रोजगार से जोड़ने के लिये सरकार नित नये कदम उठा रही है। जनजातियों एवं विशेष पिछड़ी जनजाति समूह (पीव्हीटीजी) के लिये जनजातीय कार्य विभाग के अधीन मध्यप्रदेश रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद (मेपसेट) द्वारा पांच विभागीय प्रशिक्षण केन्द्र शिवपुरी, मण्डला, डिण्डोरी, शहडोल एवं तामिया (जिला छिंदवाड़ा) में विकसित किये गये हैं। इन प्रशिक्षण केन्द्रों में जनजातियों एवं पीव्हीटीजी वर्ग के युवक/युवतियों को डोमेस्टिक डाटा एन्ट्री ऑपरेटर कोर्स में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें प्रशिक्षार्थियों के मूल्याकंन उपरांत सफल प्रशिक्षणाथियों को नियमानुसार रोजगार/स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। वर्ष 2023-24 में 1500 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देने के लक्ष्य के विरूद्ध 1046 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया। मूल्यांकन में सफल पाये गये 497 प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार से जोड़ दिया गया है।

नवीन योजना में वित्तीय पर्ष 2023-24 में अधिकाधिक प्रशिक्षार्थियों को विभिन्न सेक्टर स्किल डेवलपमेंट कांउन्सिल्स के माध्यम से Industry Based प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया था। इसके विरूद्ध 190 प्रशिक्षणार्थियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। प्रशिक्षण के बाद मापदण्डों में सफल 46 प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार से जोड़ दिया गया है।

भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में विद्यार्थी सुविधा केन्द्र (Student Facilitation Center) की स्थापना करने के लिये भी प्रक्रिया की जा रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन लगातार जारी है। वर्ष 2024-25 में कोल जनजाति वर्ग के शिक्षित बेरोजगारों के कौशल विकास प्रशिक्षण के लिये भारत सरकार द्वारा जनजातियों के लिये Development Vocational Training & Entrepreneurship Ecology System तथा लार्सन एंड टुब्रो (L&T) कंपनी के कॉर्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के अंतर्गत L&T के संस्थानों से प्रशिक्षण देना प्रस्तावित है।

इसके अलावा जनजातियों एवं विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह के विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा व प्रशिक्षण देने के लिये मेपसेट द्वारा प्रदेश के कुल 21 जिलों में व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र (वीटीसी) भी संचालित किये जा रहे हैं। यह व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र अलीराजपुर जिले के भाबरा, कट्टीवाड़ा, सोंडवा व उदयगढ़ में, झाबुआ जिले के पेटलावद व झाबुआ में, धार जिले के मनावर, तिरला, धामनोद व पीथमपुर में, खरगोन जिले के खरगोन, सेगांव व महेश्वर में, बुरहानपुर जिले के खकनार में, बैतूल जिले के बैतूल व चिचौली में, अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ में, शहडोल जिले के बुढ़ार में, मण्डला जिले के घुघरी, मोहगांव, मण्डला व सिहोरा में, सिवनी जिले के छपारा में, छिंदवाड़ा जिले के हर्रई में, बालाघाट जिले के बिरसा, परसवाड़ा, बालाघाट व बैहर में, डिण्डोरी जिले के समनापुर में, उमरिया जिले के पाली में, श्योपुर जिले के कराहल में, नर्मदापुरम जिले के केसला में, खण्डवा जिले के खालवा (आंबलिया) में, सिंगरौली जिले के सिंगरौली में, रतलाम जिले के सैलाना में, बडवानी जिले के सेंधवा व बडवानी में तथा सीधी जिले के चुरहट में संचालित किये जा रहे हैं। साथ ही 9 जिलों झाबुआ जिले में झाबुआ में, धार जिले में टांडा में, बडवानी जिले में बडवानी में, रतलाम जिले में रावटी में, मण्डला जिले में के मंडला बालाघाट जिले में बैहर में, सीधी जिले में सीधी में, अनूपपुर जिले में अमकंटक में तथा डिण्डोरी जिले में डिण्डोरी में विशेष प्रशिक्षण केन्द्र (टी.सी.पी.सी.) भी संचालित किये जा रहे हैं।



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