Home >> National

31 July 2024   Admin Desk



भारतीय सेना ने वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान तेज किया

नई दिल्ली: मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियान के दूसरे दिन, भारतीय सेना ने 30 जुलाई 2024 को केरल के वायनाड में हुए कई विनाशकारी भूस्खलनों के बाद फंसे लोगों को बचाने के लिए अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। 30 जुलाई की सुबह नागरिक प्रशासन से प्राप्त प्रारंभिक अनुरोध के बाद से, चिकित्सा कर्मचारियों सहित लगभग 500 कर्मियों की क्षमता वाले छह एचएडीआर कॉलम को ब्रिजिंग उपकरण और बचाव कुत्तों के साथ तैनात किया गया है। सेना द्वारा लगभग 1000 लोगों को बचाया गया है,  चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। लगभग 86 मृतकों के शव भी बरामद किए गए हैं।

सेना ने एचएडी आर प्रयासों के समन्वय के लिए कोझीकोड में ब्रिगेडियर अर्जुन सेगन के साथ कर्नाटक और केरल उपक्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल वीटी मैथ्यू की अध्यक्षता में एक "कमांड और कंट्रोल सेंटर" स्थापित किया है। ब्रिगेडियर सेगन ने आज तड़के प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और बचाव अभियान के आगे के संचालन के लिए सेना की टुकड़ियों का मार्गदर्शन किया। सैनिक भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के छह किलोमीटर क्षेत्र में बचाव अभियान चला रहे हैं।

एचएडीआर टुकड़ियों का हिस्सा बनने वाले सैनिकों को कन्नूर,  कोझीकोड और तिरुवनंतपुरम से जुटाया गया था। डीएससी सेंटर, कन्नूर और 122 इन्फैंट्री बटालियन (प्रादेशिक सेना) मद्रास, कोझीकोड से दो-दो टुकड़ियां, जिनमें कुल 225 कर्मी थे,  सबसे पहले पहुंचने वाले बचावकर्ता थे और एनडीआरएफ तथा अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर बचाव अभियान शुरू करने के लिए स्थान पर पहुंचे। बचाव और राहत कार्यों कोऔर बढ़ाने के लिए  135  कर्मियों की क्षमता वाली दो चिकित्सा टीमों सहित दो अतिरिक्त एचएडीआर टुकड़ियों को त्रिवेंद्रम से कोझीकोड ले जाया गया।

केरल की राज्य सरकार ने सेना से राहत एवं बचाव कार्य में शामिल होने के लिए अनुरोध किया था। इसके प्रत्युत्तर में, मद्रास इंजीनियर ग्रुप एंड सेंटर (एमई जी एंड सेंटर) से सेना के इंजीनियर टास्क फोर्स को 123 कर्मियों की संख्या के साथ 150 फीट बेलीब्रिज, तीन जेसीबी और अन्य सहायक उपकरणों के साथ प्रभावित क्षेत्र में तैनात किया गया है। मीपडी-चूरमाला रोड पर एक पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसमें हवाई प्रयास का उपयोग कर के धारा के दूसरी ओर कुछ मिट्टी हटाने वाले उपकरणों को शामिल किया गया है। पैदल पुल का निर्माण 30-31 जुलाई की रात में पूरा हो गया।

इंजीनियर्स स्टोर्स डिपो, दिल्ली कैंट से 110 फीट बेली ब्रिज का एक और सेट और तीन खोज और बचाव डॉग टीमों को लेकर एक सी-17 विमान भी आगे के उपयोग के लिए कन्नूर में उतरा है। हवाई और जमीनी जांच और नागरिक प्रशासन की जरूरतों के आधार पर अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता का आकलन किया जा रहा है।

दिन के दौरान भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने खाद्य पदार्थ और अन्य राहत सामग्री गिराने के लिए कई उड़ानें भरीं। कटे हुए क्षेत्रों से नागरिकों को निकालने का काम भी किया गया। नौसेना विमानन परिसंपत्तियों ने एसडीआरएफ और राज्य प्रशासन के अधिकारियों के परिवहन में उचित सहायता प्रदान की। तिरुवनंतपुरम, सुलूर और तंजावुर में कई विमान अल्प सूचना पर हवाई बचाव प्रदान करने के लिए स्टैंडबाय पर हैं।

दवा और प्राथमिक चिकित्सा के संदर्भ में सहायता के अलावा, ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक, कलपेट्टा बाढ़ संचालन स्तंभों को डॉक्टरों, नर्सिंग सहायकों और एम्बुलेंस की सेवाएं प्रदान कर रहा है।

भारतीय सेना फंसे हुए नागरिकों की सहायता के लिए दृढ़ है और सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। सेना इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान केरल राज्य का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। बचाव दल प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव अभियान प्रदान करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

Source: PIB



Photo Gallery

Related Post

Important Links

© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva