04 August 2024   Admin Desk



सफलता पाने स्वयं पर भरोसा रखें: मुकेश शाह

रायपुर: जगन्नाथ राव दानी कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हायर सेकेण्डरी की छात्राओं के लिए एक सेमीनार आयोजित किया गया। इसमें शिक्षाविद् व मोटिवेशनल स्पीकर मुकेश शाह ने मुख्य वक्ता के तौर पर छात्राओं को जीवन में सफलता पाने अनेक महत्वपूर्ण बातें बताई।

‘‘कुछ छोड़ो-कुछ जोड़ो‘‘ पर केंद्रित इस सेमीनार में श्री शाह ने बताया कि जीवन में हम जैसे-जैसे आगे बढ़ते हैं तो बहुत सी आदतों व बातों को त्यागना पड़ता है तथा कुछ प्रमुख बातों को आत्मसात करना पड़ता है। वक्ता के अनुसार स्वयं को कमजोर व असक्षम महसूस करने की आदत को त्याग करें क्योंकि जब आप किसी कार्य का बीड़ा उठाते हैं या कोई जिम्मेदारी भरा कार्य आपको करना होता है तो कई बार उस कार्य को प्रारंभ करने के पूर्व हम ये मान लेते हैं कि हमसे यह कार्य नहीं हो पाएगा और इस सोच के चलते हमारा आत्मविश्वास कम हो जाता है और प्रयास पूर्ण मन से नही होता है।

सफलता पाने के लिए खुद पर भरोसा करने की आदत को जोड़े क्योंकि इससे किसी कार्य को करने के लिए पूरे मन से प्रयास होता है। विद्यार्थी जीवन में गुस्सा करने की आदत को त्यागें

क्योंकि क्रोध का एक पल आपकी सारी अच्छाईयों पर भारी पड़ता है। इसका सीधा असर दिमाग और आपके कार्य पर भी पड़ता है। इसकी बजाय विनम्रता रूपी ताकत को हमेशा के लिए साथ रखें क्योंकि जो कार्य क्रोध से नहीं होता वह विनम्र भाव से करने पर हो जाता है। ज्यादा फल वाले पेड़ की झुकी हुई डालियां भी हमें यही संदेश देती है कि विनम्रता रूपी गुण अन्य गुणों को भी समक्ष ले आता है। जबकि क्रोध का भाव अन्य गुणों को ढंक लेता है। श्री शाह ने छात्राओं से अपील की कि वे कोशिश करें कि अन्य लोगों की कमियों व अवगुणों की तरफ ज्यादा ध्यान ना देकर उसके गुणों पर ध्यान दें और अपनी कमियों को देखें। दुसरों में कमियां ज्यादा देखने से उसकी चर्चा भी निंदा और बुराई के रूप में होती है।

अतः कोशिश करें कि किसी की निंदा कम ही करें। किसी के गुणों की तारीफ करने में कंजूसी ना करें। प्रत्येक व्यक्ति में गुण-अवगुण दोनों होते हैं अतः आप अवगुण को समझ भी लें तो भी उनके गुणों की चर्चा करें। दिन में कम से कम दो लोगों की तारीफ अवश्य करना चाहिए इससे हमारे अंदर भी सकारात्मकता का भाव बढ़ता है। किसी दूसरे से अपनी तुलना करके अपने अंदर पनप रहे निराशा का भाव छोड़कर यह सोच रखें कि प्रत्येक व्यक्ति में एक जैस गुण या आदतें नहीं हो सकती। भगवान ने प्रत्येक इंसान को किसी ना किसी गुण से अवश्य नवाजा है। किसी से तुलना न करके अपने अंदर के गुणों के लिए ईश्वर का धन्यवाद करना चाहिए तथा दुसरे के गुण व सफलता का सोचकर होने वाली निराशाको त्यागना चाहिए।

प्रारंभ में जगन्नाथ राव दानी कन्या शाला के प्राचार्य डाॅ. हितेश दीवान ने बताया कि उनकी स्कूल में विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ जीवन के विभिन्न पहलूओं से अवगत कराने विभिन्न वक्ताओं को आमंत्रित कर उनका सेमीनार कराया जाता है। उन्होंने आज के वक्ता मुकेश शाह का परिचय दिया।कार्यक्रम का  संचालन श्रीमती अनुरिमा शर्मा द्वारा किया गया... और आभार प्रदर्शन संस्था की वरिष्ठ व्याख्याता श्रीमती मंजू शर्मा के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में संस्था के शिक्षकगण उर्मिला पांडे, किरण शुक्ला, क्रांति चंद्राकर, चंद्रशेखर, रामलाल पंडरिया भी उपस्थित रहे।



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