संवाददाता सन्तोष उपाध्याय
लखनऊ LUCKNOW,UP,INDIA: राजधानी लखनऊ में 1 से 31 अक्टूबर तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और 11 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा। इसी क्रम में आज जिलाधिकारी कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार की अध्यक्षता में जिला टास्क फ़ोर्स की बैठक आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि संचारी अभियान को सफल बनाने को लेकर सुनियोजित प्लान बनाएँ | आबादी से जुड़े खेतों में किसी भी तरह से पानी न इकट्ठा होने देने के क्रम में किसानों को बताएँ कि खेतों में ऐसी फसल बोयें जिसमें कम से कम पानी का इस्तेमाल हो | शहरी क्षेत्रों में खाली प्लाट में कहीं भी पानी इकट्ठा न हो | उन्होने सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों में बच्चों को पूरी बांह के कपड़े पहन का विद्यालय आने के निर्देश दिए | इसके साथ ही सप्ताह में एक बार बच्चों से श्रम दान कराया जाए जिसके माध्यम से उन्हें साफसफाई के महत्व के बारे में बताया जाये | उन्होंने जनता से अपील की कि इस मौसम में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया बीमारी के संक्रमण की आशंका होते हुए लोग साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें | घरों और उसके आस-पास मच्छरजनित परिस्थितियां न पनपने दें | बैठक में जिलाधिकारी द्वारा बताया गया की बारिश शुरू होने के समय कौन कौन से संचारी रोगों के फैलने की संभावना होती है और बारिश के बाद कौन कौन से संचारी रोगों के फैलने की संभावना रहती है और इसके लिए क्या क्या बचाव करने है, इसके लिए पूरी एडवाइजरी बना कर आमजनमनस के लिए जारी की जाए। साथ ही साथ इसका वृहद स्तर पर प्रचार प्रसार होर्डिंग, पैम्फलेट और बैनर के माध्यम से कराते हुए आमजनमनस को जागरूक किया जाए। साथ ही समस्त सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों में वृहद स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कराना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा बताया गया की संचारी रोगों पर नियंत्रण स्थापित करने हेतु निम्नवात विभागों को जिम्मेदारी दी गई है, जोकि आपस में समन्वय स्थापित करते हुए संचारी रोगों पर नियंत्रण रखेंगे: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, पशुपालन विभाग, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, सिंचाई विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सूचना एवं जलापूर्ति विभाग, वाणिज्य कर एवं मनोरंजन विभाग, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग,
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, उद्यान विभाग, इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन, एडीएम, वित्त एवं राजस्व राकेश कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी पी.के.श्रीवास्तव, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम डा.मंसूर सिद्दकी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. निशांत निर्वाण, जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, अन्य विभागों के प्रतिनिधि मौजूद थे |
1. घर मे या घर के आस पास कूलर, बाल्टी, बैरल, फूलदान, बर्ड बाथ, फ्रीज, टायर व नारियल के खोल में पानी जमा न होने दे तथा खुला न रखे।
2. टूटे बर्तन, अनुपयोगी बोतल, टिन, पुराने टायर, और कबाड़ को घर मे न जमा होने दे और न ही घर के पास उन्हें फेके। उक्त चीजों का उचित निस्तारण सुनिश्चित कराए ताकि उसमे मच्छरों की ब्रीडिंग न हो पाए।
3. घर के पास पानी एकत्रित न होने दे। पानी एकत्रित होने वाले स्थानों को मिट्टी से भर दे। यदि संभव हो तो कुछ बूंदे मिट्टी की तेल/जले हुए मोबिल आयल को अवश्य डाल दे।
4. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे।
5. शरीर पर मच्छर निरोधक टीम / नीम तथा सरसों का तेल खुले भागो में लगाये।
6. नीम की पत्ती का धुआ करे।
7. शरीर को ढक कर रखे। फुल अस्तीन के कपडे पहने।
8. बुखार होने पर नजदीक के राजकीय चिकित्सालय, सामु. स्वा. केन्द्र, प्रा.स्वा. केन्द्र में जॉच एवं उपचार अवश्य करायें।
9. बिना चिकित्सक के परामर्श के दवा का प्रयोग न करें।
10. दरवाजा, खिड़कियों और रोशनदानों में मच्छर रोधी जाली लगवायें।
11. सभी अनुपयुक्त वस्तुएं जिनमें पानी भर सकता है, उनका निस्तरण करें।
12. फूलदान, पौधों के बरतन, चिड़ियों हेतु या अन्य एकत्रित जल को प्रति सप्ताह बदलें।
13. मच्छर भगाने वाली क्रीम ऐरोसॉल, क्वायल आदि का प्रयोग करें।
14. मच्छर दानी का प्रयोग करें, डेंगू संक्रमण काल में बुखार होने पर दिन में भी मच्छरदानी का प्रयोग करें।
15. बुखार होने पर पैरासीटामॉल, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लें और आराम करें।
1. घर और घर के आस-पास अनावश्यक पानी का ठहराव न होने दें।
2. टूटे समान टायर, बर्तन, शीशी को खुले में न रखें या फेंके।
3. डेंगू रोग हेतु कोई विशेष औषधि नहीं है, स्वयं दवाई न लें, बुखार होने पर चिकित्सक से सलाह लें।
4. एस्प्रिन (Aspirin) का प्रयोग न करें।
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