रायपुर RAIPUR,CG,BHARAT: शारदेय नवरात्रि के सातवे दिन कोलंबिया संस्थान की फार्मेसी संकाय द्वारा प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया। संस्थान की सभी पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों ने रंगारंग परिधानों में गरबा गीतों पर नृत्य किया। परम्परानुसार गरबा के पूर्व देवी दुर्गा की आराधना कर उनकी स्तुति की गई।
विदित हो कि गरबा एक ऐसा नृत्य है जो दिव्यता के स्त्री रूप का सम्मान, पूजा और उत्सव मनाता है। "गरबा" शब्द संस्कृत शब्द गर्भ से आया है, जिसका अर्थ है "गर्भ"। परंपरागत रूप से, नृत्य महिलाओं द्वारा मिट्टी के लालटेन के चारों ओर एक घेरे में किया जाता है, जिसके अंदर एक रोशनी होती है, जिसे गर्भ दीप ("गर्भ दीप") कहा जाता है। गर्भ दीप की एक और प्रतीकात्मक व्याख्या है। बर्तन अपने आप में शरीर का प्रतीक है, जिसके भीतर दिव्यता (देवी या देवी के रूप में) निवास करती है। इस प्रतीक के चारों ओर गरबा नृत्य इस तथ्य का सम्मान करने के लिए किया जाता है कि सभी मनुष्यों के भीतर देवी की दिव्य ऊर्जा है। आजकल, गर्भ दीप के स्थान पर घेरे के केंद्र में दुर्गा की छवि रखना आम बात है।
गरबा के दौरान बेस्ट मूव , बेस्ट कॉस्टूयम एवं रैंप वाक पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाकर विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के सचिव हरजीत सिंह हुरा प्राचार्य डॉ रविंद्र कुमार पांडेय, प्रोफेसर शिव शंकर शुक्ला, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ बीना गिडवानी एवं शिक्षक गण तथा बढ़ी संख्या में विद्यार्थी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का कुशल आयोजन एवं संयोजन संस्थान की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नेहा दुबे ने किया।
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