नई दिल्ली,NEW DELHI,BHARAT: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत द्वारा आयोजित दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप पाठ्यक्रम का समापन हो गया है। यह 18 नवंबर, 2024 को शुरू हुआ था। देश के विभिन्न क्षेत्रों और दूरदराज के क्षेत्रों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 52 छात्रों ने इसे पूरा किया।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए एनएचआरसी, भारत की कार्यवाहक अध्यक्ष श्रीमती विजया भारती सयानी ने आयोग के साथ सफलतापूर्वक इंटर्नशिप पूरी करने वाले छात्रों को बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रशिक्षु इस पाठ्यक्रम के दौरान प्राप्त अंतर्दृष्टि को हर व्यक्ति के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए आगे बढ़ाएंगे।
श्रीमती सयानी ने उन्हें मानवाधिकार के रक्षकों के रूप में विकसित होने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि वे अधिक समावेशी और समतापूर्ण समाज के निर्माण में सार्थक योगदान दे सकें। उन्होंने सहानुभूति, करुणा और न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता को अपनाने के महत्व पर जोर दिया।
एनएचआरसी, भारत के महासचिव भरत लाल ने अपने संबोधन में कहा कि प्रशिक्षुओं को मानवाधिकारों के लिए अपने कार्यों में प्राप्त सीख को प्रतिबिंबित करना चाहिए। उन्होंने प्रशिक्षुओं को मूल मानवीय मूल्यों को आत्मसात करने, भाईचारे और समानता के आदर्शों को बनाए रखने और समाज में सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा देने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।
एनएचआरसी के संयुक्त सचिव देवेन्द्र कुमार निम ने इंटर्नशिप रिपोर्ट प्रस्तुत की। एनएचआरसी के वरिष्ठ अधिकारियों, विशेषज्ञों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों द्वारा मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर आयोजित सत्रों के अलावा प्रशिक्षुओं को दिल्ली में मंडोली जेल, पुलिस स्टेशन और आशा किरण आश्रय गृह का वर्चुअल दौरा भी कराया गया। उन्हें विभिन्न सरकारी संस्थानों के कामकाज, मानवाधिकार संरक्षण तंत्र, जमीनी हकीकत और समाज के कमजोर वर्गों के मानवाधिकारों की रक्षा संबंधी जरूरतों की पूर्ति के बारे में जानकारी दी गई।
श्री निम ने पुस्तक समीक्षा, सामूहिक शोध परियोजना की प्रस्तुति और भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं की भी घोषणा की। निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
Source: PIB
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