संवाददाता - सन्तोष उपाध्याय
लखनऊ: विश्व हिंदू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय के नेतृत्व में रविवार को लखनऊ गोमती नगर कार्यालय से विपुल खंड चौराहे तक पदयात्रा निकाली गई। सभा को संबोधित करते हुए गोपाल राय ने कहा कि “भारत में जनसंख्या वृद्धि" एक गंभीर समस्या बन चुकी है। 1947 में देश की जनसंख्या 33 करोड़ थी, लेकिन 2024 में लगभग 144 करोड़ हो चुकी है। चीन जैसे देश को भी भारत ने जनसंख्या के मामले में पीछे छोड़ दिया है। भरता में इसका सीधा प्रभाव बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और प्राकृतिक संसाधनों पर पड़ रहा है। संसाधनों पर दबाव और बेरोजगारी, बढ़ती जनसंख्या से जल, भोजन, ऊर्जा, और अस्पतालों जैसी मूलभूत सेवाओं पर दबाव बढ़ रहा है। चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को इलाज में कठिनाई होती है, जबकि रोजगार के अवसरों की कमी से बेरोजगारी और आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। यदि समय रहते इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सभी पक्षों पर इसका गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने युवाओं से अपील की कि इस मुद्दे को एक जनांदोलन का रूप दें और जनसंख्या नियंत्रण कानून के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद करें। यह कानून समाज के उत्थान के साथ-साथ देश की स्थिरता और विकास के लिए भी आवश्यक है। भारत में रह रहे युवाओं को समान अवसर, शिक्षा, रोटी, कपड़ा और मकान तभी उपलब्ध हो सकते हैं, जब जनसंख्या पर नियंत्रण किया जाएगा। बिना जनसंख्या नियंत्रण के, संसाधनों की कमी से इन बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करना कठिन होगा।
श्री राय ने स्पष्ट किया कि इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य सरकार तक यह संदेश पहुंचाना है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून देश की मौजूदा और भविष्य की समस्याओं का समाधान है। यदि यह कानून शीघ्र लागू नहीं किया गया, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है। राय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि उनके शासन में धर्म और विकास का संतुलन दिखता है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के माध्यम से उत्तर प्रदेश ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बनाई है। लेकिन सरकार को अब जनसंख्या नियंत्रण कानून के ऊपर कार्य करने की जरूरत है। हमारे देश में युवा को रोजगार नहीं मिल रहा है, हॉस्पिटल में मरीजों को समय पर बेड नहीं मिल पाता है, बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है। प्राकृतिक संसाधन सीमित मात्रा में हैं और इसलिए लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून को लाना जरूरी है। जिससे सभी को समान अधिकार मिल सकें।
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