नई दिल्ली: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने पहला राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम का सफलतापूर्वक उद्घाटन किया। क्षमता निर्माण आयोग द्वारा शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य समाधान उन्मुख, दयालु और नागरिक-केंद्रित सरकारी अधिकारियों में सेवा भावना को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम में चार लघु प्रशिक्षण सत्र (प्रत्येक सत्र 1.5 घंटे) शामिल हैं, जिन्हें खुली चर्चा, टीमवर्क और व्यावहारिक समस्या-समाधान को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार किया गया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग में राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम 5 से 11 मार्च 2025 तक नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में चल रहा है।
कार्यक्रम का उद्घाटन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव श्री अमित यादव ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने सरकारी सेवा के मूल उद्देश्यों पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हममें से कई लोग बदलाव लाने के जुनून के साथ सार्वजनिक सेवा में आते हैं। हालांकि, समय के साथ, दैनिक दिनचर्या और नागरिकों के साथ सीमित संपर्क हमें उस उद्देश्य से दूर कर सकते हैं। यह कार्यक्रम हमें याद दिलाता है कि हम लोगों के जीवन में सार्थक बदलाव लाने के लिए सेवा करें। उन्होंने यह भी कहा कि लोक सेवकों द्वारा किया गया हर कार्य राष्ट्र की प्रगति में योगदान देता है।
श्री यादव ने सार्वजनिक सेवा में व्यक्तिगत विकास और आत्म-पूर्ति के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि नागरिक संपर्क शासन का मूलभूत सिद्धांत है और अधिकारी जनता से जुड़कर कैसे उनकी समस्याओं को दूर करते हैं और मुद्दों को हल करते हैं, उसी पर प्रभावी प्रशासन निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि ‘कर्मयोगी' शब्द राष्ट्र, हमारे विभाग, हमारे नागरिकों और खुद के प्रति हमारे कर्तव्य को दर्शाता है। यह पहल प्रत्येक अधिकारी के लिए नेतृत्व कौशल विकसित करने, समाधान-उन्मुख दृष्टिकोण अपनाने और अपनी भूमिकाओं में सेवा भाव को अपनाने का अवसर है।
प्रशिक्षण सत्रों का नेतृत्व मास्टर ट्रेनर सचिव सुश्री काजल सिंह (निदेशक) और पुष्पेंद्र सिंह (उप सचिव), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसमें क्षमता निर्माण आयोग की कार्यक्रम समन्वयक सुश्री शिप्रा सिंह भी सहयोग कर रही हैं। सत्र में उपस्थित लोगों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग में अपनी भूमिकाओं, जिम्मेदारियों और राष्ट्र निर्माण में इसके महत्वपूर्ण योगदान की गहरी समझ हासिल की। इस दौरान विभाग के दृष्टिकोण और लक्ष्य पर भी चर्चा की गई।
प्रशिक्षण मॉड्यूल पर चर्चा करते समय राष्ट्रव्यापी कल्याणकारी पहलों और अभियानों के सफल कार्यान्वयन की जानकारी भी दी गई जिससे प्रतिभागियों को व्यावहारिक संदर्भ मिला। इसके अतिरिक्त, नीति निर्माण, शिकायत निवारण, कानूनी ढांचे और सामाजिक न्याय योजनाओं तक पहुंच को आसान बनाने में विभाग की भूमिका के बारे में विचार-विमर्श किया गया। इस दृष्टिकोण ने प्रतिभागियों को कार्यक्रम से हासिल जानकारियों को अपनी दिन-प्रतिदिन की जिम्मेदारियों से जोड़ने में सक्षम बनाया।
Source: PIB
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