संवाददाता सन्तोष उपाध्याय
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में जहां मोहन रोड स्थित निर्वाण रिहैबिलिटेशन सेंटर में 70 से अधिक बच्चों की तबीयत बिगड़ने एवं चार बच्चों की मौत के बाद शासन प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। आज सुबह जिलाधिकारी एवं मंडल आयुक्त सहित प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने भर्ती बच्चों को देखने एवं स्वास्थ्य व्यवस्था का जायजा लेने जहां लोक बंधु अस्पताल पहुंच कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया । वहीं उप जिलाधिकारी बृजेश पाठक भी दोपहर बाद लोकबंधु अस्पताल पहुंचे। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अस्पताल में भर्ती मंदबुद्धि intellectually disabled बच्चों का हाल चाल लिया और इनके बेहतर इलाज के लिए अस्पताल प्रशासन को दिशा निर्देश दिया।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि पुलिस घटना की स्तरीय जांच की जा रही है और दोषियों को बक्सा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी प्राथमिकता है कि बच्चों का उचित इलाज हो। फ़िलहाल सूत्रों द्वारा मालूम की आश्रय केंद्र में चार बच्चों की मौत हो गई। इनमें दो बच्चियां हैं। यहां के 35 बच्चों को उल्टी दस्त होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 20 बच्चों की हालत अभी भी गंभीर है। वहीं कमिश्नर रोशन जैकब, प्रमुख सचिव लीना जौहरी और एक बार फिर जिलाधिकारी लोकबंधु अस्पताल पहुंचे। बच्चों से बातचीत की कहा कि आश्रय केंद्र के पानी की जांच कराई जाएगी।
डीपीओ विकास सिंह ने बताया कि इस रिहैब सेंटर में कुल 146 बच्चे बच्चियां है। रविवार से अचानक एक के बाद एक बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। जो बच्चे भर्ती हैं, उनका बेहतर से बेहतर इलाज किया जा रहा है। बच्चों के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पी एम रिपोर्ट के आधार पर मौत का सही कारण पता चल सकेगा साथ ही विभागीय द्वारा जांच भी कराई जाएगी।
इस मौके लोकबंधु अस्पताल के डायरेक्टर डॉ सरोज, सीएमएस राजीव दीक्षित, चिकित्सा अधीक्षक अजय शंकर त्रिपाठी सहित स्वास्थ्य विभाग उपस्थित रहे।