संवाददाता- सन्तोष उपाध्याय
आयुर्वेद टिप्स: लखनऊ के सरोजनीनगर क्षेत्र स्थित चंदवावल आयुर्वेद अस्पताल की डॉ बबीता केन ने बताया कि हमें पहले यह समझना होगा कि यकृत या लीवर हमारे शरीर का महत्व पूर्ण अंग है और सबसे पहले इसका ठीक रहना सबसे आवश्यक है। लीवर का एक कार्य यह भी होता है कि सेवन की जाने वाली औषधियों का विघटन (Degradation) करके उन्हें शरीर से बाहर निकाल दे। जब कोई औषध लम्बे समय तक लगातार इस्तेमाल की जाती है तो यकृत उसे तेजी से विघटित (Breakdown) करने लगता है। इसे धात्वग्नि-संधुक्शन / ओक् सात्म्य (Enzyme induction) कहते हैं। इससे औषध बहुत शीघ्र निष्क्रिय (Inactive) होने से निष्प्रभावी (Useless) हो जाती है। इससे बचने का एक उपाय यह है कि दीर्घ काल तक इस्तेमाल की जाने वाली औषधियों को कुछ दिनों / हफ्तों के लिए बन्द करके, और उनके स्थान पर समान क्रिया वाली कुछ अन्य औषधियों का प्रयोग किया जाये।जो सिर्फ चिकित्सक ही निर्धारित कर सकता है। इसके बाद पहले चल रही औषधियों को पुनः शुरू कर सकते हैं।
अतः अपने चिकित्सक द्वारा निर्देशित समय उपरांत चिकित्सालय जाकर परामर्श लेते रहे और चिकित्सक के परामर्शानुसार ही औषधियों का सेवन करें।
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