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06 May 2025   Admin Desk



पीईकेबी खदान अपनी ‘उड़ान’ परियोजना के तहत क्षेत्र के युवाओं को करा रहा पर्यावरण संरक्षण के अतुल्य प्रयासों से मुलाकात

अप्रैल 2025 में कुल 133 विद्यार्थियों और शिक्षकों ने शैक्षणिक भ्रमण से खनन, पर्यावरण संतुलन और कौशल विकास को करीब से समझा और अत्याधुनिक नर्सरी से हुए रूबरू

अम्बिकापुर, CG (INDIA): सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड में स्थित राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) की सतत चार वर्ष से पाँच सितारा श्रेणी से सम्मानित परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी) खदान में अदाणी फाउंडेशन द्वारा 'उड़ान' परियोजना शुरू की गई है। जिसके अंतर्गत बीते माह अप्रैल 2025 में अम्बिकापुर और सूरजपुर जिले के क्रमशः शासकीय कन्या शिक्षा परिसर, अंबिकापुर, कन्या शिक्षा परिसर विद्यालय, उदयपुर और गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज, सूरजपुर के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने पीईकेबी खदान का शैक्षणिक भ्रमण किया।

'उड़ान' परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण व आदिवासी अंचलों के छात्रों को खनन उद्योग, पर्यावरणीय प्रबंधन और सामाजिक दायित्वों की आधुनिक तथा व्यावहारिक समझ देना है। इस दौरान वे खदान की नर्सरी में चल रहे अत्याधुनिक पद्धति से वनीकरण के प्रयासों को समझा ।

दरअसल 'उड़ान' परियोजना की यह पहल छात्रों में कौशल, आत्मविश्वास को बढ़ाने तथा उन्हें उनके बेहतर करियर के प्रति नई सोच के लिए प्रेरित कर रही है। अप्रैल में तारीख 10, 26 और 30 को आयोजित भ्रमणों में 85 छात्र-छात्राओं और 48 शिक्षकों सहित कुल 133 लोगों ने भाग लिया। विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों और शिक्षकों ने खदान के व्यूपॉइंट, नर्सरी, अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेंटर और अदाणी विद्या मंदिर का दौरा किया। वहीं शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, सूरजपुर के खनन विभाग के छात्रों को अतिरिक्त रूप से खनन उद्योग में आधुनिक उपकरण 'डोजर पुश' जैसे तकनीकी पहलुओं की जानकारी भी दी गई।

अदाणी फाउंडेशन और आरआरवीयूएनएल की इस संयुक्त पहल को छात्र-छात्राओं और शिक्षकों से भरपूर सराहना मिल रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में शासकीय पॉलीटेक्नीक कॉलेज के प्राचार्य एन योगेश ने बताया कि, “पीईकेबी खदान में आकर छात्रों को अत्याधुनिक तरीके से खनन की कार्य प्रणाली के बारे में पता लगा। यहां की पर्यावरण तथा सुरक्षा के साथ खनन कार्य इसे वाकई में पाँच सितारा खदान शाबित करते हैं। हमने देखा की खनन के बाद इस जगह को पाटकर पुनः हरा भरा और घना जंगल तैयार कर दिया है जहां विभिन्न प्रजातियों के 15 लाख से ज्यादा पौधे अब घना जंगल होने का आभास कराने लगे हैं।“

वहीं इसी कॉलेज के एक छात्र ऋषभ सिंह ने कहा कि “हमने पीईकेबी खदान के भ्रमण में देखा कि यह खदान न केवल देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक जिम्मेदार तरीके से कोयला खनन कर रहा है बल्कि क्षेत्र की पर्यावरण के संतुलन को बनाये रखने के लिए लाखों पेड़ लगा कर एक नया और घना जंगल भी तैयार किया है। जो कि सराहनीय और प्रेरणादायक अनुभव है।“

आरआरवीयूएनएल द्वारा क्षेत्र में ढांचागत विकास की श्रंखला में खदान के पास के 14 गावों की बड़ी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में मरम्मत तथा बाला पेंटिंग, अतिरिक्त कक्षाओं एवं पक्के शौचालयों का निर्माण, गांव में सड़क निर्माण एवं यात्री प्रतीक्षालयों के मरम्मत तथा सौंदरीकरण इत्यादि के कार्य शामिल है। साथ ही पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए 14 लाख से ज्यादा पेड़ 450 हेक्टेयर से ज्यादा खनन की हुई जमीन में रोपित किया है।



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