रायपुर, CG (INDIA): छत्तीसगढ़ में रक्तदान के क्षेत्र में प्रतिष्ठित डॉ. अरविन्द नेरल ने अपने 65वें जन्मदिन के अवसर पर जिंदगी का अंतिम रक्तदान किया। पैथोलॉजिस्ट होने के नाते रक्तदान की आवश्यकता, महत्व और तकनीकी पहलुओं के जानकार डॉ. नेरल का यह 126वाँ रक्तदान था। चिकित्सा दिशा-निर्देशों के अनुसार 65 वर्ष की उम्र के बाद रक्तदान नहीं कर सकते हैं। एक यूनिट रक्तदान में 350 मि.ली. के हिसाब से डॉ. नेरल ने अब तक 44 लीटर से अधिक रक्तदान अपने मातृ शिक्षण संस्थान में किया है। सम्भवतः यह छत्तीसगढ़ राज्य में किसी चिकित्सक या शासकीय सेवक द्वारा दिया गया रिकॉर्ड रक्तदान है। इस विशेष अवसर पर लायन्स क्लब रायपुर के ला. मनहर शाह, ला. निर्मलेश वर्मा, ला. सुनील छाबरिया, ला. प्रकाश लुणावत, ला. विजय दवे, चिकित्सा महाविद्यालय के डॉ. चन्द्रकला जोशी, डॉ. विकास बॉम्बेश्वर, डॉ. अविरल मिश्रा, डॉ. सूदित पाल, डॉ. आकाश लालवानी, डॉ. रवीना यादव और अन्य चिकित्सक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
डॉ. अरविन्द नेरल स्वयं एक नियमित रक्तदाता होने के साथ ही अन्य संभावित रक्तदाताओं और युवाओं को रक्तदान के लिये प्रेरित करने के विभिन्न प्रयास करते रहते हैं। इस परिप्रेक्ष्य में उनके द्वारा लिखित पुस्तक 'तुम मुझे खून दो" उल्लेखनीय है, जिसमें रक्तदान से सम्बन्धित सभी वैज्ञानिक पहलुओं को सरल शब्दों में संकलित किया गया है। उन्होंने रक्तदान प्रोत्साहन के लिये समाचार पत्रों, पत्रिकाओं में अनेक लेख लिखे हैं और आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से भी वार्तायें प्रसारित की हैं। इस सम्बन्ध में महाविद्यालयों/ विश्वविद्यालयों में कई बार व्याख्यान और सेमीनार आयोजित किये हैं। रक्तदान के क्षेत्र में उनके विभिन्न गतिविधियों और प्रशंसनीय योगदान के लिये उन्हें "रक्तवीर", "शतकीय रक्तदाता", "रक्तदान के ब्रांड एम्बेसेडर", "रक्तदूत" और "रक्तशिरोमणी" जैसी उपलब्धियों से सम्बोधित किया जाता है।
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