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07 June 2025   bharatiya digital news Admin Desk



छत्तीसगढ़ में कृषि सशक्तिकरण के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत किसान केंद्रित कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है ICAR-NIBSM रायपुर

रायपुर, CG (INDIA): ICAR–राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान (NIBSM) रायपुर छत्तीसगढ़, देशव्यापी ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। यह अभियान कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा आरंभ किया गया है। इस अभियान की औपचारिक शुरुआत 29 मई 2025 को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सखिगोपाल, पुरी (ओडिशा) में की गई थी और यह 12 जून 2025 तक जारी रहेगा। इसका उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है।

इस राष्ट्रीय पहल के अंतर्गत ICAR-NIBSM, रायपुर ने कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) और राज्य कृषि विभाग के सहयोग से छत्तीसगढ़ के विभिन्न गांवों में व्यापक जनसंपर्क गतिविधियाँ प्रारंभ की हैं। 29 मई से 3 जून 2025 के बीच संस्थान के 20 समर्पित वैज्ञानिकों की टीम ने 25 KVKs के साथ मिलकर 10 जिलों के 25 विकासखंडों में स्थित 49 गांवों में जाकर 4100 से अधिक किसानों तक पहुँच बनाई और उन्हें व्यावहारिक, शोध-आधारित कृषि समाधान प्रदान किए।

इन गांव दौरों के दौरान किसानों को निम्नलिखित विषयों पर विशेषज्ञ मार्गदर्शन दिया गया:

• जैविक स्ट्रेस प्रबंधन तकनीकें

• बीज उपचार एवं मृदा परीक्षण

• जैव उर्वरक, जैव कीटनाशक व जैव नियंत्रण एजेंट्स का उपयोग

• उन्नत फसल किस्मों को अपनाना

• धान में एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM)

• प्राकृतिक खेती की ओर संक्रमण

• मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन

किसानों ने एकीकृत खेती प्रणाली (Integrated Farming System) और डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) पर विशेष रुचि दिखाई, जो लागत घटाने और उत्पादन बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही हैं। वैज्ञानिकों ने वन हेल्थ (One Health) दृष्टिकोण के अंतर्गत मनुष्य, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य की रक्षा हेतु एंटीबायोटिक के विवेकपूर्ण उपयोग पर भी जागरूकता फैलाई।

इसके अतिरिक्त, वैज्ञानिकों ने राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी दी, जिससे किसान इन योजनाओं का लाभ उठाकर बीज, बीमा और कृषि संरचना से जुड़ी सहायता प्राप्त कर सकें।

इन सीधे संवादों से वैज्ञानिकों को क्षेत्रीय चुनौतियों की गहराई से समझ मिली। जिन प्रमुख बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता महसूस की गई, वे हैं:

• परंपरागत एवं उन्नत किस्मों वाले गुणवत्तायुक्त बीजों के प्रति जागरूकता बढ़ाना

• उर्वरकों और कीटनाशक पदार्थों के संतुलित उपयोग को प्रोत्साहित करना

• योजनाओं की जानकारी को अंतिम छोर तक पहुँचाना

• DSR तकनीक और इससे संबंधित मशीनों को अधिक से अधिक किसानों तक पहुँचाना

आयोजित प्रेस वार्ता में ICAR-NIBSM के निदेशक डॉ. पी.के. राय ने संस्थान के वैज्ञानिकों एवं सहयोगी संस्थाओं की सक्रिय भूमिका की सराहना की और किसानों से दो-तरफ़ा संवाद की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संस्थान किसानों की आवश्यकताओं के अनुरूप मांग-आधारित अनुसंधान समाधान विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

डॉ. राय ने मीडिया से अपील की कि विकसित कृषि संकल्प अभियान से जुड़ी गतिविधियों को अधिक से अधिक कवरेज दें, ताकि इस अभियान का लाभ और अधिक किसानों तक पहुँच सके। उन्होंने कहा, "सामूहिक प्रयासों से हम किसानों को उन्नत तकनीकों को अपनाने, उत्पादन बढ़ाने और बेहतर जीवन स्तर की ओर अग्रसर होने में सक्षम बना सकते हैं।"

प्रेस वार्ता में संस्थान के सभी वैज्ञानिकों ने भाग लिया, जिनमें डॉ. ए. अमरेंदर रेड्डी, संयुक्त निदेशक (नीति समर्थन अनुसंधान) एवं प्रचार प्रभारी, और डॉ. मुवेंथन, प्रचार समिति सदस्य, प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। टीम ने अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और विज्ञान-आधारित समाधानों के साथ छत्तीसगढ़ के हर कोने तक पहुँचने का संकल्प लिया।

विकसित कृषि संकल्प अभियान वास्तव में ‘एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’ की भावना को साकार करता है, जिसमें ICAR संस्थान, KVK, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV), रायपुर, और राज्य कृषि विभाग एक साझा दृष्टिकोण के साथ विकसित भारत की दिशा में विकसित कृषि के माध्यम से कार्य कर रहे हैं।



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