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30 June 2025   bharatiya digital news Admin Desk



भामाशाह का जीवन राष्ट्र एवं लोकहित, आत्मसम्मान तथा बलिदान का प्रतीक है : डॉ. राजेश्वर सिंह

संवाददाता  - सन्तोष उपाध्याय

लखनऊ, UP (INDIA): "परिश्रम, प्रबंधन और प्रण का प्रतिबिम्ब - व्यापारी समाज देश की अर्थव्यवस्था का आधारस्तंभ है। उत्तर प्रदेश के व्यापारियों ने न केवल राज्य के आर्थिक संसाधनों को सुदृढ़ किया है, बल्कि समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में भी अनुकरणीय योगदान दिया है।" यह विचार सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने ‘व्यापारी कल्याण दिवस’ की पूर्व संध्या पर व्यक्त किए। शनिवार को लोक भवन, लखनऊ में राज्य कर विभाग द्वारा आयोजित दानवीर भामाशाह की जयंती की पूर्व संध्या पर ‘भामाशाह सम्मान समारोह’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में सर्वाधिक जीएसटी योगदान देने वाले और सामाजिक क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यापारियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने व्यापारी समाज को 'राज्य की आर्थिक आत्मनिर्भरता के योद्धा' की संज्ञा देते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश की विकास गाथा का सशक्त स्तंभ बताया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जिलों से आए व्यापारियों को 'भामाशाह सम्मान' से अलंकृत किया गया और राज्य सरकार द्वारा व्यापारिक सुधारों व सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, विधायक डॉ. नीरज बोरा, वरिष्ठ व्यापारी नेता रविकांत गर्ग एवं संदीप बंसल सहित अनेकों अन्य नेता और व्यापारी मौजूद रहे। डॉ. राजेश्वर सिंह ने भामाशाह के योगदानों का उल्ल्खेख करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि दानवीर भामाशाह भारतीय इतिहास के उन महानायकों में से एक हैं, जिनकी देशभक्ति, त्याग और सेवा की मिसाल आज भी प्रेरणा है। उन्होंने भामाशाह जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि “भामाशाह केवल इतिहास नहीं, आज भी प्रेरणा हैं। उनकी तरह आज का व्यापारी भी राष्ट्र निर्माण में निष्ठा, प्रतिबद्धता और पराक्रम का परिचय दे रहा है। विधायक ने आगे जोड़ा कि भामाशाह ने मातृभूमि की रक्षा के लिए जीवन भर की सम्पूर्ण धन - सम्पदा महाराणा प्रताप जी के चरणों में अर्पित कर दी। मान्यता है कि, भामाशाह जी द्वारा दान दी गयी संपत्ति इतनी विशाल थी कि उससे दशकों तक 25,000 से अधिक सैनिकों का भरण-पोषण संभव था। इस महान योगदान से महाराणा प्रताप जी ने पुनः सेना को संगठित किया और मुगलों को पराजित कर मेवाड़ के अधिकाँश हिस्से को स्वतंत्र कराया। दानवीर भामाशाह की प्रेरणा आज भी व्यापारी समाज के भीतर देशभक्ति, त्याग और सेवा की भावना को सशक्त करती है।

डॉ. सिंह ने उत्तर प्रदेश के व्यापारियों के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में उत्तर प्रदेश का विदेश व्यापार 21.98 बिलियन डॉलर पहुंचना, और इस वर्ष अप्रैल माह में ₹9,956 करोड़ का GST संग्रहण—यह सिद्ध करता है कि उत्तर प्रदेश का व्यापारी न केवल राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी निर्णायक भूमिका निभा रहा है।



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