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06 July 2025   bharatiya digital news Admin Desk



डॉ. राजेश्वर सिंह ने उठाई हरित चेतना की आवाज़: डिजिटल शिक्षा, हरित अभियान को दी गति और एआई क्रैश कोर्स का किया ऐलान

संवाददाता - सन्तोष उपाध्याय 

लखनऊ, (UP (INDIA): सरोजनी नगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने शनिवार को नेशनल पीजी कॉलेज, लखनऊ में लोक अधिकार मंच द्वारा आयोजित संगोष्ठी “राजनीतिक इच्छाशक्ति वैश्विक पर्यावरणीय निर्णयों को कैसे प्रभावित कर सकती है” में सहभागिता करते हुए वर्तमान पर्यावरणीय संकट, वैश्विक चुनौतियों और समाधान के रास्तों पर गहन व तथ्यात्मक विचार प्रस्तुत किए। विधायक ने कहा कि "आज हम जिन विषयों पर चर्चा कर रहे हैं, वे केवल वर्तमान की नहीं, बल्कि पृथ्वी के भविष्य और अगली पीढ़ियों की चिंता का विषय हैं। सरोजनीनगर विधायक ने बताया कि जापान में भूकंप और सुनामी का खतरा मंडरा रहा है, अमेरिका और भारत के कई क्षेत्र जलमग्न हो रहे हैं, तमिलनाडु का करियाचल्ली द्वीप 2036 तक समुद्र में समा सकता है, और ऑस्ट्रेलिया तथा हवाई के बीच स्थित टुवालू द्वीप के 1,100 से अधिक नागरिक जलवायु संकट के कारण पलायन को विवश होकर विशेष वीज़ा के लिए आवेदन कर रहे हैं।

डॉ. सिंह ने कहा कि औद्योगिक क्रांति के बाद वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक की वृद्धि हो चुकी है, और अब हम "नाउ आर नेवर" की स्थिति में हैं। विश्व की 80 लाख बायोडायवर्सिटी में से 10 लाख प्रजातियाँ विलुप्ति के खतरे में हैं। उन्होंने लखनऊ के संदर्भ में भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यहाँ वर्ष के 300 दिन वायु गुणवत्ता खतरनाक श्रेणी में रहती है और AQI 250 तक पहुँच जाता है। वायु प्रदूषण के कारण विश्व भर में हर वर्ष 25 लाख से अधिक लोगों की समय से पूर्व मृत्यु हो जाती है। जन आंदोलनों से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने चिपको आंदोलन, नर्मदा बचाओ आंदोलन और ग्रेसा थनबर्ग के Fridays for Future जैसे अभियानों का उल्लेख किया। साथ ही, ग्लोबल फुटप्रिंट नेटवर्क द्वारा स्थापित Earth Overshoot Day की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 1970 में जब यह शुरू हुआ, तब पृथ्वी का वार्षिक संसाधन 25 दिसंबर तक खपत होता था, जबकि 1 अगस्त तक ही यह संसाधन खत्म हो जाता है।

भारत की प्रतिबद्धता और उपलब्धियाँ

डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा COP26 ग्लासगो सम्मेलन 2021 में Net Zero Emission का संकल्प और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम है कि आज भारत Renewable Energy में विश्व में चौथे स्थान पर है और देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 200 गीगावाट को पार कर चुकी है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 200 करोड़ से अधिक वृक्ष लगाए जा चुके हैं। लेकिन, अब ज़रूरत सिर्फ वृक्ष लगाने की नहीं, उन्हें बचाने और जंगलों को संरक्षित रखने की भी है। उन्होंने बताया कि केवल फूड वेस्टेज के कारण दुनिया भर में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन का 10% हिस्सा होता है। यदि हम पब्लिक ट्रांसपोर्ट, सोलर एनर्जी की ओर बढ़ें तो पृथ्वी को बचाया जा सकता है। उन्होंने कार्बन क्रेडिट मार्केट की आवश्यकता और महत्व पर भी बल दिया।

लखनऊ: विकास के साथ पर्यावरण की जिम्मेदारी

डॉ. सिंह ने कहा कि लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण, एक्सप्रेसवे निर्माण और IBM, Genpact, HCL जैसी वैश्विक आईटी कंपनियों का आगमन यह दिखाता है कि लखनऊ आज देश को दिशा दे रहा है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेकर उसे जन-आंदोलन बनाएं।

सरोजनी नगर में विशेष प्रयास

विधायक ने बताया कि सरोजनी नगर में महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु 150 से अधिक 'ताराशक्ति केंद्र' संचालित किए जा रहे हैं, जहाँ 30,000 से अधिक इको-फ्रेंडली बैग्स बनाकर छात्रों के बीच वितरित किए जा चुके हैं। अब प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे भी इको-फ्रेंडली बैग्स लेकर विद्यालय आ रहे हैं और प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर साल हम एक क्रेडिट कार्ड के बराबर माइक्रोप्लास्टिक निगल रहे हैं, जो 100–200 वर्षों तक नष्ट नहीं होता और हमारे शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है। विधायक ने बताया कि एनवायरमेंट वारियर्स अभियान के माध्यम से तराई क्षेत्र में जन जागरूकता के अभियान भी संचालित किये जा रहे हैं, इन अभियानों के 6 चरणों में वन विभाग के करीब 200 वाचर्स को, 30 अन्य कर्मियों को विशेष सम्मान, 1000 से अधिक छात्र - छात्रों के बीच डिबेट और क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन कर विजेतोँ को सम्मानित किया गया। 

शिक्षा और नवाचार में नई पहल

विधायक ने कहा कि सरोजनी नगर में बच्चों को भविष्य के रोजगार हेतु तैयार करने के लिए 'रण बहादुर सिंह डिजिटल शिक्षा एवं युवा सशक्तिकरण केंद्र' स्थापित किए गए हैं। जहाँ युवोँ को ट्रेंडिंग डिजिटल कौर्स का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इसी क्रम में अब इन केन्द्रों पर AI क्रैश कोर्स शुरू करने की घोषणा की गई है। साथ ही, विधायक ने नेशनल पीजी कॉलेज में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु 10 कंप्यूटर प्रदान कर एक डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की भी घोषणा की।इस अवसर पर माननीय न्यायमूर्ति श्री डी.पी. सिंह ने अपनी दो स्वलिखित पुस्तकें—‘अयोध्या दर्शन’ एवं ‘Ancient Indian Law’ विधायक डॉ. सिंह को भेंट कीं। इस पर आभार व्यक्त करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि “निश्चित ही ये विद्वत्तापूर्ण कृतियाँ मेरे लिए मार्गदर्शक सिद्ध होंगी। विधायक ने पर्यावरण संरक्षण को समर्पित इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए लोक अधिकार मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह जी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्राचार्य नेशनल पी.जी. कॉलेज प्रो. देवेंद्र कुमार सिंह, शिक्षाविद एसकेडी सिंह, महामंत्री मोतीलाल मेमोरियल सोसाइटी राजेश सिंह, विभागाध्यक्ष भू विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय प्रो. ध्रुव सेन सिंह, प्रो. आर बी सिंह, मनीष सिंह, ज्योत्सना सिंह, प्रताप सिंह, जी सी मिश्रा, विवेक टांगड़ी व अन्य गणमान्य मौजूद रहे।



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