संवाददाता - सन्तोष उपाध्याय
लखनऊ, UP (INDIA): मुख्यमंत्री योगी सरकार ने महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब ऑटो, ई-रिक्शा, टैक्सी, ओला-उबर और रैपिडो जैसे सार्वजनिक वाहन चालकों को अपनी गाड़ी में अपना नाम, फोन नंबर और आधार कार्ड नंबर लिखना अनिवार्य होगा। चालकों को ये जानकारी इस तरह से लिखनी होगी कि गाड़ी में बैठने वाले यात्री उसे आसानी से पढ़ सकें।इस संबंध में बुधवार को लखनऊ के एआरटीओ प्रभात पांडेय ने दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। बता दें कि महिला अपराध पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है। ये नियम सबसे पहले राजधानी लखनऊ में लागू किया जाएगा। इसके लिए परिवहन विभाग ने सभी पंजीकृत गाड़ी चालकों को 15 दिन का समय भी दे दिया है। इसके बाद उल्लंघन करने वालों पर मोटर वाहन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह व्यवस्था पहले राजधानी लखनऊ में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू की जा रही है, लेकिन इसे धीरे-धीरे यूपी के सभी जिलों में अनिवार्य किया जाएगा, जो गाड़ी चालक ये जानकारी गाड़ी में नहीं लिखेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने 26 मई को परिवहन विभाग को पत्र लिखकर इस व्यवस्था को लागू करने की सिफारिश की थी। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करना है।कई बार देखने को मिलता है कि अपराध को अंजाम देने के बाद ड्राइवर फरार हो जाते हैं, जिससे गाड़ी की पहचान करना मुश्किल हो जाता है, खासकर जब नंबर प्लेट गायब हो या अस्पष्ट हो। ऐसे में अगर गाड़ी पर ड्राइवर का नाम और नंबर लिखा होगा तो उसे आसानी से पकड़ा जा सकता है और ड्राइवर कोई भी अपराध करने से बचेगा। परिवहन विभाग का मानना है कि गाड़ी में ड्राइवर की स्पष्ट पहचान मौजूद होने से महिलाएं अधिक सुरक्षित महसूस करेंगी। साथ ही किसी आपात स्थिति में वे वाहन में दर्ज जानकारी को मोबाइल से परिजनों या पुलिस को भेज सकेंगी, जिससे आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी आसान होगी।
© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva