रायपुर, CG (INDIA): मैट्स विश्वविद्यालय के अनुसंधान नवाचार केंद्र ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के संकाय सदस्यों और शोधार्थियों के लिए "पुरस्कार विजेता शोध प्रस्ताव लिखने की मुख्य विशेषताएँ" शीर्षक से एक अत्यंत ज्ञानवर्धक व्याख्यान का आयोजन किया। वक्ता, शोध निदेशक, डॉ. मनीषा अग्रवाल ने शोध प्रस्ताव लिखते समय आवश्यक तत्वों का गहन अवलोकन प्रस्तुत किया, जिसमें इसकी संरचना, व्यक्तिगत और संस्थागत शोध अनुदान जैसे विभिन्न प्रकार, अनुरोधित, अवांछित, पूर्व-प्रस्ताव और निरंतर प्रस्तावों के बीच बुनियादी अंतर शामिल थे।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि एक सुविचारित शोध प्रस्ताव में शोध समस्या को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए, एक ठोस तर्क की रूपरेखा तैयार की जानी चाहिए, उद्देश्यों, अपेक्षित परिणामों और बजट संबंधी विचारों को स्पष्ट किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रस्ताव के प्रत्येक भाग में स्पष्टता, सुसंगतता, मौलिकता और व्यवहार्यता के महत्व पर भी ज़ोर दिया।
कार्यक्रम में विभिन्न विषयों के संकाय सदस्यों और शोधार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कुलाधिपति गजराज पगारिया, कुलपति डॉ. के.पी. यादव, महानिदेशक पीयूष पगारिया, रजिस्ट्रार गोकुलानंद पांडा और प्रोफेसर एवं डीन डॉ. उमेश गुप्ता ने इस पहल की सराहना की और संकाय सदस्यों को उच्च-गुणवत्ता वाले शोध अवसरों को सक्रिय रूप से अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। सत्र का समापन अत्यंत सकारात्मक रहा।
© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva