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22 August 2025   bharatiya digital news Admin Desk



विद्यार्थी जीवन में सतत परिश्रम ही नए सृजन का मार्ग प्रसस्त करती है : पद्मश्री फुलबासन बाई यादव

अपनी कल्पनाओं, विचारों और क्षमताओं को एक रूप देना ही विद्यार्थी जीवन का लक्ष्य हो : डॉ वर्णिका शर्मा

रायपुर, CG (INDIA): आंजनेय विश्वविद्यालय, रायपुर में तीन दिवसीय ‘सृजन 4.0 : इंटर स्कूल प्रतियोगिता’ का भव्य शुभारंभ हुआ। इस वार्षिक आयोजन में खेल, सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों का संगम देखने को मिला। प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों से बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की।

विश्वविद्यालय के चांसलर अभिषेक अग्रवाल ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि - “ज्ञान, विज्ञान और कला का संगम ही सृजन है। इसी संतुलन से विद्यार्थियों का समग्र विकास संभव है।” उन्होंने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए इसे आत्मविकास का उत्तम अवसर बताया।

विशिष्ट अतिथि पद्मश्री फुलबासन बाई यादव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा - “विद्यार्थी जीवन में सतत परिश्रम ही नए सृजन का मार्ग प्रशस्त करता है। कठिनाइयों से जूझते हुए जो छात्र मेहनत करता है, वही भविष्य में नई ऊंचाइयों को छूता है।”

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. वर्णिका शर्मा अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अपने संबोधन में कहा - “अपनी कल्पनाओं, विचारों और क्षमताओं को एक रूप देना ही विद्यार्थी जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। प्रतियोगिताएं छात्रों को इसी दिशा में अग्रसर करती हैं।”

कार्यक्रम संयोजक डायरेक्टर डॉ जयेंद्र नारंग ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल प्रतिभा को मंच प्रदान करते हैं  बल्कि विद्यार्थियों में अनुशासन, प्रतिस्पर्धा और रचनात्मकता को भी बढ़ावा देते हैं ।

इस अवसर पर प्रो चांसलर श्रीमती दिव्या अग्रवाल, महानिदेशक डॉ बी सी जैन,  कुलपति डॉ टी रामाराव, प्रति कुलपति डॉ. सुमित श्रीवास्तव, कुलसचिव डॉ रुपाली चौधरी, अकादमिक डायरेक्टर डॉ संध्या वर्मा, समस्त संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक और विभिन्न स्कूलों से आए शिक्षक सहित  विद्यार्थी उपस्थित रहे ।     

पहले दिन जोश, ऊर्जा और गायन की झलक दिखी 

कार्यक्रम के पहले दिन विद्यार्थियों में खेल कौशल को प्रदर्शित करने हेतु विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित हुई, जिनमें तवा फेंक, गोला फेंक, बास्केटबॉल, भाला फेंक, क्रिकेट और कबड्डी शामिल रहे । साथ ही शैक्षणिक प्रतिस्पर्धाओं में वाद-विवाद, तात्कालिक भाषण का आयोजन हुआ । सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत गायन (एकल व समूह), बैंड प्रतियोगिता आयोजित हुई ।

क्लासिकल और रिमिक्स गानों की धुन पर थिरके कदम

सृजन 4.0 के सांस्कृतिक सत्र में संगीत और नृत्य का अद्भुत संगम देखने को मिला। क्लासिकल रागों के सजीव प्रस्तुतियों से लेकर आधुनिक रिमिक्स धुनों तक, छात्रों ने अपनी लयात्मक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति से हुई, जिसमें भरतनाट्यम और कथक की झलक ने दर्शकों को भारतीय संस्कृति की गहराई का अनुभव कराया। इसके बाद पाश्चात्य धुनों पर प्रस्तुत रिमिक्स और फ्यूजन नृत्य ने युवाओं में उत्साह और जोश भर दिया।



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