रायपुर: आदिवासियों के सांस्कृतिक विकास एवं संवर्धन के लिए राजधानी रायपुर (Raipur Capital) में तीन दिवसीय अखिल भारतीय जनजातीय साहित्य समारोह, राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य महोत्सव एवं राज्य स्तरीय जनजातीय कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना है। यह आयोजन राजधानी रायपुर में 11 से 13 अप्रैल तक किया जाएगा। आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की संचालक श्रीमती शम्मी आबिदी ने आज इन तीनों कार्यक्रमों की तैयारी के संबंध में गठित समितियों के पदाधिकारियों और अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के निर्देशानुसार एवं सचिव डी.डी. सिंह एवं आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी के मार्गदर्शन में समस्त कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। बैठक में बताया गया कि अखिल भारतीय जनजातीय साहित्य समारोह के अंतर्गत कुल 10 विषयों-जनजातीय साहित्य कल आज और कल, जनजातीय परंपरा एवं संस्कृति, जनजातीय कला में गोदना, बांस शिल्प, काष्ठ शिल्प, धातु शिल्प आदि, जनजातीय भाषा-बोली, जनजातीय लोक नृत्य एवं लोकगीत, जनजातीय साहित्य में महिलाओं की भूमिका, जनजातीय विकास और समस्या, जनजातीय लोकोक्तियां, मुहावरें, लोककथाएं एवं पहेलियां आदि, जनजातीय संघर्ष एवं स्वतंत्रता संग्राम में जनजातियों की भूमिका आदि विषय से संबंधित शोध पत्रों पर आधारित प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसमें छत्तीसगढ़ के सभी प्रमुख आदिवासी लेखकों द्वारा लिखित साहित्यिक रचनाओं के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के लेखकों को भी शामिल किया जाएगा। जनजातीय साहित्य पर लिखी गई विभिन्न प्रकाशकों की किताबों की प्रदर्शनी भी तीन दिवसीय समारोह में लगाने के निर्देश बैठक में दिए गए, ताकि ज्यादा से ज्यादा जनजातीय साहित्य का प्रचार-प्रसार किया जा सके। राज्य स्तरीय जनजाति नृत्य महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न विधावार आदिवासी नृत्यों की संभाग स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित कर नर्तक दलों का चयन किया जाएगा, ताकि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ की जनजातियों की सभी विधाओं को प्रस्तुत किया जा सके। राज्य स्तरीय जनजाति कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता के अंतर्गत विभिन्न जनजातीय कलाओं एवं चित्रकला में अभिरूचि रखने वाले प्रबुद्ध लोगों के मध्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना है। जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता चार वर्गों में - 6 से 12 वर्ष, 12 से 18 वर्ष, 18 से 30 वर्ष और 30 वर्ष से अधिक वर्ग समूह के मध्य किया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा जनजातीय कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता की प्रदर्शनी भी लगाए जाने के निर्देश बैठक में संबंधितों को दिए गए। राज्य स्तर के इस आयोजन में जनजातीय संस्कृति के प्रत्येक पक्ष को समाहित करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसकी जानकारी पहुंच सके। बैठक में इन कार्यक्रमों के सफल संचालन के लिए मुख्यालय स्तर पर गठित विभिन्न समितियों के प्रभारी अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ही आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के अधिकारी उपस्थित थे।
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