रायपुर: केंद्रीय कोयला सचिव अमृतलाल मीणा और कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाले जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपी) के ओडिशा स्थित अंगुल स्टील कॉम्प्लेक्स में कोल गैसीफिकेशन प्लांट को देखा ताकि ऊर्जा क्षेत्र में राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्लीन कोल तकनीक का व्यापक स्तर पर उपयोग किया जा सके। देश के दोनों वरिष्ठ अधिकारियों का स्वागत करते हुए जेएसपी के अधिकारियों ने विस्तार से बताया कि गैसीफिकेशन किस तरह से कोयले का भविष्य है। उन्होंने बताया कि वातावरण से कार्बन की मात्रा घटाने के साथ-साथ ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के सपने साकार करने में कोल गैसीफिकेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और ऊर्जा स्रोतों के आयात का एक अच्छा घरेलू विकल्प बन सकता है। जेएसपी के अधिकारियों का कहना है कि श्री मीणा और श्री अग्रवाल के आगमन से उनका उत्साह बढ़ा है। 60 लाख टन प्रतिवर्ष स्टील उत्पादन क्षमता वाले अंगुल स्टील कॉम्प्लेक्स में स्थापित कोल गैसीफिकेशन प्लांट (सीजीपी) की क्षमता 2,25,000 सामान्य घनमीटर प्रति घंटा है, जो स्टील उत्पादन के लिहाज से विश्व का पहला और सबसे बड़ा कोल गैसीफिकेशन प्लांट है। जेएसपी पूरी दुनिया में एकमात्र ऐसा स्टील उत्पादक है जो कोल गैसीफिकेशन के माध्यम से प्राप्त सिन-गैस का प्रयोग कर डीआरआई प्लांट से स्टील उत्पादन कर अन्य पद्धतियों के मुकाबले न्यूनतम कार्बन का उत्सर्जन कर रहा है। अंगुल स्टील कॉम्प्लेक्स का कोल गैसीफिकेशन प्लांट “टेक्नोलॉजी डिमोंस्ट्रेटर” बन गया है, जिसकी सराहना दुनिया भर के उद्योग कर रहे हैं। यह प्लांट ब्ल्यू हाइड्रोजन के उत्पादन में भी सहायक है क्योंकि सिन-गैस में 60 प्रतिशत हाइड्रोजन होता है। इस अवसर पर जेएसपी एडवाइजरी ग्रुप के वाइस-चेयरमैन वीआर शर्मा, सीईओ-स्टील बिजनेस दिनेश कुमार सरावगी और कार्यकारी निदेशक दामोदर मित्तल समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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