* भारतीय रेल के पीएसयू, आईआरसीटीसी ने रेल यात्रियों के लिए ई-कैटरिंग सेवाओं के माध्यम से भोजन ऑर्डर करने के लिए व्हाट्सएप संचार आरंभ किया। * व्हाट्सअप नंबर +91-8750001323 ग्राहक के लिए एक संवादात्मक दो-तरफा संचार मंच बनेगा। * यात्रियों के लिए और उनके लिए भोजन बुक करने के लिए भी ई-कैटरिंग सेवाओं से जुड़े सभी प्रश्नों के प्रत्युत्तर के लिए एआई पावर चैटबॉट होगा। * चुनिंदा ट्रेनों और यात्रियों पर कार्यान्वित ई-केटरिंग सेवाओं के लिए व्हाट्सएप संचार होगा। * ग्राहकों के फीडबैक और सुझावों के आधार पर कंपनी इसे दूसरी रेलगाडि़यों में भी लागू करेगी। नई दिल्ली: भारतीय रेल की पीएसयू, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने एक विशेष रूप से विकसित वेबसाइट www.catering.irctc.co.in के साथ-साथ अपने ई-कैटरिंग ऐप फूड ऑन ट्रैक के माध्यम से ई-कैटरिंग सेवाएं आरंभ की हैं। अपनी ई-कैटरिंग सेवाओं को अधिक ग्राहक-केंद्रित बनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए भारतीय रेल ने हाल ही में रेल यात्रियों के लिए ई-कैटरिंग सेवाओं के माध्यम से भोजन ऑर्डर करने के लिए व्हाट्सएप संचार शुरू किया है। इसके लिए बिजनेस व्हाट्सएप नंबर +91-8750001323 आरंभ किया गया है। प्रारंभ में, व्हाट्सएप संचार के माध्यम से ई-कैटरिंग सेवाओं के कार्यान्वयन के दो चरणों की योजना बनाई गई थी। पहले चरण में, बिजनेस व्हाट्सएप नंबर लिंक www.ecatering.irctc.co.in पर क्लिक करके ई-कैटरिंग सेवाओं के चयन के लिए ई-टिकट बुक करने वाले ग्राहक को एक संदेश भेजेगा। इस विकल्प के साथ, ग्राहक आईआरसीटीसी की ई-कैटरिंग वेबसाइट के माध्यम से सीधे स्टेशनों पर उपलब्ध अपनी पसंद के रेस्तरां से ऐप डाउनलोड करने की आवश्यकता के बिना अपनी पसंद का भोजन बुक कर सकेंगे। सेवाओं के अगले चरण में, व्हाट्सएप नंबर ग्राहक के लिए एक संवादात्मक दो-तरफा संचार मंच बनने में सक्षम होगा, जिसमें एआई पावर चैटबॉट यात्रियों के लिए ई-कैटरिंग सेवाओं के सभी प्रश्नों का प्रत्युत्तर देगा, साथ ही उनके लिए भोजन भी बुक करेगा। आरंभ में, चुनिंदा ट्रेनों और यात्रियों पर ई-कैटरिंग सेवाओं के लिए व्हाट्सएप संचार लागू किया गया है और ग्राहकों के फीडबैक और सुझावों के आधार पर, भारतीय रेल इसे अन्य ट्रेनों में भी लागू करेगी। वर्तमान में, आईआरसीटीसी की ई-कैटरिंग सेवाओं के माध्यम से ग्राहकों को एक दिन में लगभग 50,000 भोजन परोसे जा रहे हैं, जिसे इसकी वेबसाइट के साथ-साथ एप के माध्यम से सक्षम बनाया जा रहा है। Source: PIB
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