Home >> State >> Chhattisgarh

Bharatiya digital news
16 January 2024   bharatiya digital news Admin Desk



दंतेवाड़ा: कैदियों को जीने की नई राह दिखा रही है ’आरसेटी’

दंतेवाड़ा: जिला जेल में बंद कैदियों को भी अब जीने की नई राह मिलने लगी है, ताकि वे बाहर आने के बाद फिर से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त ना होते हुए रोजगार प्राप्त कर सकें। जिला प्रशासन की अभिनव पहल तथा जेल अधीक्षक गोवर्धन शोरी के मार्गदर्शन में ’’आरसेटी’’ (रूरल सेल्फ एम्प्लॉयमेंट ट्रेनिंग) डायरेक्टर एम.आर.राजू के निर्देशन में भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) दंतेवाड़ा द्वारा बंदियों को 10 दिवसीय फास्ट फूड स्टॉल उद्यमी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

 इस क्रम में ’’आरसेटी’’ की प्रशिक्षकों मे से एक सुश्री श्रुति अग्रवाल यहां बंदियों को फास्ट फूड जैसे भेलपुरी, पानी पुरी, मोमोज, मंचूरियन, चाउमीन, समोसा, कचौड़ी, पाव भाजी, वेज पुलाव, पकोड़ा आदि जैसे चटपटे व्यंजन तैयार करने का प्रशिक्षण दे रहीं हैं। इसी प्रकार प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण फैकल्टी के धनंजय टंडन एवं ओम प्रकाश साहू द्वारा भी कैदियों को जिस भी काम में रुचि है, उन्हें उसी के हिसाब से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जो कैदी पढ़ना चाहते हैं, उनके लिए पाठ्यक्रम अनुसार पढ़ाई की व्यवस्था भी है। साथ ही मत्स्य, कुकुट पालन जैसी रोजगार परक गतिविधियों आदि यूट्यूब के माध्यम से सिखाई जा रही है।

प्रशिक्षण के दौरान जेल अधीक्षक ने जानकारी दिया कि इन नवाचारों के पीछे हमारी एक मात्र मूल भावना है कि घृणा अपराध से की जाए, अपराधी से नहीं। हमारा उद्देश्य रहता है कि जेल से छूटने के बाद कैदी समाज में जाकर ग्लानि का जीवन न जिये और वे अपराध की दुनिया को छोड़कर समाज के साथ पुनः मिल-जुलकर रहें और रोजगार कर सम्मान से जीवन यापन करें। ऐसा करने के लिए निश्चित ही यह जरूरी है कि वह किसी भी हुनर में पारंगत हो। स्पष्ट है यदि हुनर नहीं होगा तो वे आर्थिक जरूरतों के चलते फिर से अपराध की राह पकड़ सकते है।

इसके अलावा प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रशिक्षण फैकल्टी के प्रशिक्षकों ने बताया कि प्रशिक्षण देने के पीछे हमारा उद्देश्य है कि कैदी जेल से छूटने के बाद दोबारा अपराध करने के बजाय एक अच्छे नागरिक की तरह अपना जीवन जी सकें। इसके लिए बंदियों को बैंकों से जोड़ने हेतु लोन प्रकरण की जानकारी, उद्यम की पहचान व व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने हेतु कई तरह के उद्यमिता विकास के बारे में जानकारी भी दी जा रही है। वास्तव में इस संवेदनशील मानवीय पहल के लिए ’’ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान’’ की सराहना की जाना चाहिए। जो अपराध की दुनिया में शामिल बंदियों के लिए फिर से नया जीवन जीने का द्वार खोल रही है।



Advertisement
bharatiya digital news
Photo Gallery

Related Post

Advertisement

Advertisement

Trending News

Important Links

© Bharatiya Digital News. All Rights Reserved. Developed by TechnoDeva