05 December 2022   Admin Desk



उप जिलाधिकारियों व अपर जिलाधिकारियों के निरीक्षण के बाद स्वयं जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा हर एक तहसील के सघन निरीक्षण

लखनऊ/ संवाददाता - संतोष उपाध्याय लखनऊ: राजधानी लखनऊ के कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने दिन सोमवार को राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक आहूत की। जिलाधिकारी द्वारा पूर्व में दिए गए निर्देशों के अनुपालन के क्रम में समस्त उप जिलाधिकारियों द्वारा बताया गया कि माह के अंतिम दिवस में गत माह का डेटा एकत्रित करते क्लोजिंग समीक्षा बैठक की जा चुकी है। उक्त के साथ ही समस्त खण्ड विकास अधिकारियों व अन्य अधिकारियों ने भी अपने यहां क्लोज़िंग समीक्षा बैठक आहूत की। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा निम्नवत दिशा निर्देश दिए गए ।

बैठक की शुरुआत जिलाधिकारी द्वारा IGRS व मुख्यमंत्री संदर्भ के तहत ऑनलाइन प्राप्त होने वाले प्रकरणों की समीक्षा से की गई। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि प्राप्त होने वाले हर एक प्रकरण के निस्तारण का सत्यापन स्वयं उनके द्वारा किया जाएगा और दोषपूर्ण निस्तारण पाए जाने पर सम्बंधित विभागध्यक्ष के विरुद्ध कार्यवाही करना भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रकरणों का गलत निस्तारण करने वालो को कदापि बख्शा नही जाएगा। जिसके लिए सभी विभागाध्यक्ष प्राप्त होने वाले सभी प्रकरणों को नीचे फॉरवर्ड करने से पहले स्वयं पढ़े और फिर सम्बंधित अधिकारी को फॉरवर्ड करे।

उक्त के बाद ज़िलाधिकारी द्वारा विविध देयो से सम्बंधित बिंदु की समीक्षा की गई। समीक्षा में संज्ञान में आया कि विभिन्न देय मद में कुल 64% वसूली की गई है। कम वसूली के सम्बंध में ज़िलाधिकारी द्वारा कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई। समीक्षा में संज्ञान में आया कि उक्त मद में सबसे कम वसूली सरोजनीनगर तहसील में की गई। जिसके लिए ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि हर सप्ताह प्रातः कलेक्ट्रेट सभागार में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व द्वारा समस्त तहसीलदारों के साथ वसूली की गहन समीक्षा की जाएगी और इसी प्रकार समस्त तहसीलदारों द्वारा अपनी अपनी तहसीलों में सप्ताह में एक बार समस्त अमीनो के साथ गहन समीक्षा करते हुए वसूली की कार्यवाही को तेज किया जाएगा और जिन अमीनो प्रगति खराब होगी उनको स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा।

बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा समस्त उप ज़िलाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि आगामी 7 दिनों के भीतर सभी उप जिलाधिकारी अपनी अपनी तहसीलों का वृहद निरीक्षण करते हुए निरीक्षण आख्या उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। उक्त के बाद अगले 15 दिनों के भीतर हर तहसील के लिए 1-1 अपर जिलाधिकारी को नामित करते हुए तहसीलों का निरीक्षण कराया जाएगा। अपर जिलाधिकारी जब निरीक्षण करेंगे तो सबसे पहले पूर्व में किये गए उप जिलाधिकारी के निरीक्षण आख्या का अवलोकन करते हुए यह सुनिश्चित करेंगे कि पूर्व के निरीक्षण में जो कमियां पाई गई थी उनको सुधारा गया है या नही।

उक्त के बाद तहसील के सभी पटलों, न्यायालयों व लिपिकों के कार्यालयों का सघन निरीक्षण करते हुए अपनी आख्या ज़िलाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे। अपर ज़िलाधिकारियों के निरीक्षण के पश्चात स्वयं ज़िलाधिकारी द्वारा हर एक तहसील का सघन निरीक्षण किया जाएगा। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि 10 बड़े बकाएदारों से अगले माह तक वसूली करना सुनिश्चित किया जाए। ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि पूर्व में ही स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके है कि अगले माह यह बड़े 10 बकाएदार रिपीट नही होने चाहिए। सभी तहसीले अपने यहाँ के 10 बकाएदारों को चिन्हित करते हुए उनसे वसूली करने वाले अमीनो की सूची उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे और माह के अंत तक सभी की वसूली सुनिश्चित कराएंगे।

उक्त के साथ ही अगले 15 दिनों में सभी तहसीले सभी आर सी ऑनलाइन अपलोड करना सुनिश्चित करेंगे। उक्त के बाद ज़िलाधिकारी द्वारा खनन सम्बंधित बिंदु की समीक्षा की गई। अवैध खनन के सम्बंध में प्राप्त शिकायतों का संज्ञान लेते हुए ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि सभी उप ज़िलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके क्षेत्र में कही भी अवैध खनन न हो। ज़िलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाना सुनिश्चित करे। यदि अवैध खनन के सम्बंध में कोई सूचना प्राप्त हो तो तत्काल इसकी सूचना खनन अधिकारी को उपलब्ध कराए। सभी अधिकारी खनन से सम्बंधित शासनादेश गंभीरता से पढ़े और शासनादेश के अनुसार कार्यवाही करना सुनिश्चित करे।

बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि सभी अधिकारी प्रतिदन सुबह अपना समय कोर्ट में व्यतीत करेगे। यदि सम्भव हो तो जनता दर्शन भी वही करें। स्वयं कोर्ट में बैठकर पारदर्शिता के साथ कोर्ट की कार्यवाही करें। ज़िलाधिकारी द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए कि कोर्ट के किसी भी आदेश में भ्रष्टाचार संज्ञान में आना नही चाहिए। यदि कोई भी भ्रष्टाचार संज्ञान में आता है तो सम्बंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। सभी उप ज़िलाधिकारी/तहसीलदार सभी कोर्ट के आदेशों को अपने सामने तैयार कराकर जारी करे, ताकि सभी आदेशो में सूचित बनी रहे।

बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए कार्य करना सुनिश्चित करे। भ्रष्टाचार करने वाले और भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वालो को कदापी बख्शा नही जाएगा। सभी अधिकारी भ्रष्टाचार पर पूर्णतः अंकुश लगाना सुनिश्चित करे। उक्त के बाद ज़िलाधिकारी द्वारा बैठक में आर्थिक सहायता के प्रकरणों की गहन समीक्षा की गई। ज़िलाधिकारी द्वाराबताया गया कि आर्थिक सहायता का कोई भी प्रकरण लंबित नही होना चाहिए। आर्थिक सहायता के प्रकरणों का निस्तारण सर्वोच्च प्राथमिकता पर किया जाए।

ज़िलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि आर्थिक सहायता से सम्बंधित समस्त प्रकरणों पर 24 घंटे के भीतर कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए। उक्त बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ बिपिन कुमार मिश्र, अपर जिलाधिकारी नागरिक आपूर्ति, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व हिमांशु गुप्ता, समस्त उप ज़िलाधिकारी, समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट, समस्त तहसीलदार व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। Title in English: Those who do corruption and give protection to those who do corruption will not be spared, strict action will be taken.



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