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03 August 2025   bharatiya digital news Admin Desk



पशु कल्याण और शहरी सुरक्षा में नगर विकास विभाग की सशक्त पहल

संवाददाता - सन्तोष उपाध्याय

लखनऊ, UP (INDIA): नगर विकास विभाग द्वारा सभी 17 नगर निगमों में संचालित पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) और रेबीज रोधी टीकाकरण कार्यक्रमों के माध्यम से शहरी सुरक्षा और पशु कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है। इसके अतिरिक्त, विभाग ने निकाय स्तर पर इस वर्ष 5,333 पालतू कुत्तों के लाइसेंस जारी किए हैं, जिससे जिम्मेदार पालतू पशु स्वामित्व और समुदाय की सुरक्षा को बढ़ावा मिला है।

एबीसी कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक 2,84,641 आवारा श्वानो का बंध्याकरण और रेबीज के खिलाफ टीकाकरण किया गया है, जिसमें 2023-24 में 1,25,893 और 2024-25 में 1,19,197 बंध्याकरण एवं वर्ष 2025 में अभी तक 39270 श्वानो बंध्याकरण किया गया हैं| विभाग द्वारा सभी नगर निगमों के अंतर्गत प्रत्येक एबीसी 3,273.65 लाख रुपयेकी लगत से 17 स्थायी एबीसी केंद्र स्थापित किए हैं एवं और लखनऊ और गाजियाबाद के लिए दो अतिरिक्त केंद्र भी स्वीकृत किये गए हैं| विभाग द्वारा पालतू श्वानो के लाइसेंसिंग पहल से यह सुनिश्चित होता है कि पालतू कुत्तों का टीकाकरण और पंजीकरण हो, जिससे अनियंत्रित पशुओं से जुड़े जोखिम कम होते हैं।

नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव, अमृत अभिजात ने विभाग के प्रयासों पर जोर देते हुए कहा, “हमारे पशु जन्म नियंत्रण, रेबीज रोधी टीकाकरण और पालतू श्वानो के लाइसेंसिंग कार्यक्रमों के माध्यम से, हम शहरी स्थानीय निकायों के साथ मिलकर सुरक्षित समुदायों और मानवीय पशु प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए समर्पित रूप से काम कर रहे हैं। आधुनिक एबीसी केंद्रों की स्थापना और इस वर्ष 5,333 पालतू कुत्तों के लाइसेंस जारी करना हमारे व्यापक शहरी समाधानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कुत्तों के काटने की रोकथाम के लिए, विभाग जन जागरूकता अभियान चला रहा है, जिसमें निवासियों को आवारा कुत्तों को उकसाने से बचने, बच्चों की पशुओं के पास निगरानी करने, और काटने की स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी जा रही है। नागरिकों से आग्रह है कि वे आक्रामक या अस्वस्थ कुत्तों की सूचना स्थानीय प्राधिकरणों या समर्पित हेल्पलाइन (1533) पर दें ताकि त्वरित कार्रवाई हो सके। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960, और पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 के अनुपालन में, विभाग यह सुनिश्चित करता है कि आवारा श्वानो को मानवीय रूप से पकड़ा जाए, उनका बंध्याकरण और टीकाक

नगर विकास विभाग निवासियों से नगर निकायों के साथ सहयोग करने का आह्वान करता है ताकि इन पहलों को समर्थन मिले, जिससे उत्तर प्रदेश भर में समुदायों, आवारा पशुओं और पालतू पशु मालिकों के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा मिले।



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