लखनऊ संवाददाता-संतोष उपाध्याय
सरोजनीनगर SAROJANI NAGAR: राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर क्षेत्र में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नाइट ब्लड किया गया है, जिसका उद्देश्य फाइलेरिया से प्रभावित व्यक्तियों की पहचान करना सर्वे शुरू है। इस सर्वे में 1 नवंबर से 10 नवंबर तक रात्रि 8:30 बजे से लेकर मध्य रात्रि 12 बजे तक संभावित फाइलेरिया मरीजों का रक्त संकलित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग वीवीडी नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. गोपीलाल ने रात्रि में रक्त परीक्षण की महत्ता को बताया क्योंकि फाइलेरिया के जीवाणु, यानी माइक्रोफाइलेरिया, रात्रि के समय सक्रिय होते हैं। इसलिए संभावित फाइलेरिया रोगियों के रक्त की जांच रात में की जाती है |
प्राथमिक स्वाथ्स केंद्र, सरोजिनी नगर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, डॉ. नीरज गुप्ता ने बताया कि यह सर्वे बंथरा और नुट्कुर गाँव में चल रहा है। प्रत्येक गाँव से लगभग 300 लोगों का रक्त सैंपल लिया जा रहा है, जिससे लगभग 600 नमूने इकट्ठे हो जाएंगे। अभी तक बंथरा क्षेत्र से 306 और नुट्कुर क्षेत्र से 210 लोगो की ब्लड स्लाइड बनायीं जा चुकी है। । जिन व्यक्तियों के रक्त परीक्षण में पॉजिटिव आएँगे, उनका फाइलेरिया उपचार आरंभ होगा ।
इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए एक चार सदस्यीय टीम तैनात की गई है जिसमे राकेश कुमार शर्मा लैब तकनीशियन, सतीश यादव, अमित और उस क्षेत्र से सम्बंधित आशा / एएनएम रहेंगी ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से वीवीडी इंस्पेक्टर सुयेश श्रीवास्तव ने बताया ये रक्त सैंपल सबसे पहले संबंधित सीएचसी / पीएचसी प्रयोगशालाओं में जांचे जाते हैं, और फिर राज्य स्तरीय प्रयोगशालाओं में भेजे जाते हैं। सक्रिय रोगी के पाजिटिव होने पर उन्हें इलाज शुरू किया जाता है। यह सर्वे आईडीए अभियान के छह महीने बाद किया जाता है। यदि माइक्रोफाइलेरिया रेट एएमएफआर एक प्रतिशत से अधिक होता है, तो भविष्य में इन क्षेत्रों में घर-घर दवा खिलाने का अभियान आईडीए अभियान चलाया जायेगा। यह अभियान फाइलेरिया को नियंत्रित करने और रोकने के उद्देश्य से शुरु किया गया है, ताकि रोगी व्यक्तियों की समय पर पहचान और उपचार हो सके।
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