लखनऊ संवाददाता-संतोष उपाध्याय
लखनऊ Lucknow, Uttar Pradesh: राजधानी लखनऊ में हिंदुजा समूह की प्रमुख भारतीय कंपनी और देश की अग्रणी कमर्शियल वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड ने दिन मंगलवार को उत्तर प्रदेश में ग्रीन मोबिलिटी पर केंद्रित एक नया इंटीग्रेटेड कमर्शियल व्हीकल प्लांट स्थापित करने के लिए भूमि पूजन किया। इस समारोह के साथ कंपनी ने ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कानपुर हाइवे लखनऊ में नए कारखाने स्थल पर आयोजित एक समारोह में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आधारशिला पट्टिका का अनावरण किया और आधारशिला रखी।
समारोह में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार सुरेश खन्ना और औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई और निवेश प्रोत्साहन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार नंद गोपाल गुप्ता, दया शंकर सिंह परिवहन मंत्री, डॉ राजेश्वर सिंह सरोजनी नगर विधायक, हिंदुजा परिवार के वरिष्ठ सदस्य, अशोक लेलैंड के डीलर, ग्राहक और आपूर्तिकर्ता, और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति संजय सिंह चौहान वरिष्ठ भाजपा नेता, अखिलेश सिंह, भुवेंद्र सिंह मुन्ना शामिल हुए।
ग्रीनफील्ड विनिर्माण सुविधा 70 एकड़ में फैली होगी। मैन्यूफेक्वचरिंग टैक्नोलॉजी में नवीनतम से भरपूर, यह दुनिया भर में अशोक लेलैंड की सबसे आधुनिक और हरित फैक्ट्री होगी, जो विश्व स्तरीय गुणवत्ता मानक प्रदान करेगी। प्राथमिक ध्यान इलेक्ट्रिक बसों के उत्पादन पर होगा, जबकि मौजूदा और अन्य उभरते वैकल्पिक ईंधन द्वारा संचालित अन्य वाहनों का उत्पादन करने की भी क्षमता होगी।
अशोक लेलैंड के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन धीरज हिंदुजा ने कहा कि, ‘‘शिलान्यास समारोह उत्तर प्रदेश में अशोक लेलैंड के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। एक बार चालू होने के बाद यह फेसिलिटी रोजगार के अवसर पैदा करने के हमारे सामान्य लक्ष्यों की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगी। हम इनोवेशन को बढ़ावा देने और ग्रीन मोबिलिटी के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने केलिए प्रतिबद्ध हैं। इस नए संयंत्र के साथ, हम खुद को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं और अपने नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक कदम आगे बढ़ा रहे हैं।’’
अशोक लेलैंड के एमडी और सीईओ शेनु अग्रवाल ने कहा, ‘‘यह सुविधा न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को पूरा करेगी, बल्कि क्षेत्र के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इलेक्ट्रिक ट्रकों और बसों पर हमारा ध्यान इसी के अनुरूप है। सस्टेनेबल ट्रांसपोर्टेशन का विकसित होता बाजार हमें ग्रीन मोबिलिटी वाले भविष्य के निर्माण की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।’’ एक बार चालू होने के बाद, संयंत्र की शुरुआत में प्रतिवर्ष 2500 वाहन उत्पादन करने की क्षमता होगी। आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक और अन्य प्रकार के वाहनों की बढ़ती मांग को देखते हुए, अशोक लेलैंड ने अगले दशक में इस क्षमता को सालाना 5000 वाहनों तक बढ़ाने की योजना बनाई है।
अशोक लीलैंड उत्तर प्रदेश के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, विशेष रूप से भारत में पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की सबसे अधिक संख्या होने इसी राज्य में होने की उल्लेखनीय उपलब्धि को देखते हुए इस बात का महत्व और बढ़ जाता है। यह उपलब्धि परिवहन के पर्यावरण-अनुकूल सॉल्यूशंस को अपनाने के लिए राज्य सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को भी उजागर करती है। इस संयंत्र की स्थापना अशोक लेलैंड की एक रणनीतिक पहल का प्रतीक है, जो कंपनी को राज्य में हरित गतिशीलता क्रांति में सबसे आगे रखती है। यह देश भर में अशोक लेलैंड का सातवां वाहन संयंत्र होगा।
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