संवाददाता सन्तोष उपाध्याय
सरोजनीनगर: राजधानी लखनऊ के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं आयुष्मान आरोग्य मन्दिर,चन्द्रावल की प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ बबीता केन ने दिन बुधवार को चिकित्सालय परिसर में "विश्व पर्यावरण दिवस" मनाया।
उन्होंने ने बताया कि लगातार बढ़ता हुआ प्रदूषण प्रकृति और मनुष्य तथा सभी जीवों के लिए खतरनाक है। स्वस्थ और स्वच्छ प्रकृति मानव जीवन का आधार है। प्रकृति हमें जीवन जीने के लिए सभी आवश्यक चीजें प्रदान करती है। ऐसे में इसका दोहन हमारे जनजीवन को प्रभावित कर सकता है। प्रकृति को प्रदूषण और दूसरे खतरों से बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 की थीम है- 'भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता'। गत वर्ष 2023 में इस दिन को 'प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान' थीम के साथ मनाया गया था। हमें जनमानस को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए कूड़े-कचरे को निर्धारित जगह पर फेंकने तथा पौधों का संरक्षण करने एवं अपने आसपास अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
डॉ बबीता केन द्वारा आज ही के दिन विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2021 के अवसर पर औषधीय पौधो को हर घर में लगाने के लिए प्रेरित करने हेतु "घर-घर गिलोय अभियान" की शुरुआत की गयी थी। तब से लगातार गिलोय के साथ-साथ अन्य औषधीय पौधों जैसे तुलसी, ऐलोवेरा,पाषाणभेद,ज्वरांकुश, हडजोड़, सदाबहार, भूई आंवला, ब्राह्मी, भृंगराज आदि का वितरण कर स्वास्थ्य के प्रति जागरुक कर रही हैं।
डॉ बबीता केन ने चिकित्सालय में बनी औषधि वाटिका में लगे औषधीय पौधो की पहचान कराते हुए इनके गुणों को बताते हुए किस रोग में कैसे प्रयोग किया जाए, के विषय में बताया।
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