संवाददाता - सन्तोष उपाध्याय
लखनऊ, UP (INDIA): लखनऊ एयरपोर्ट पर तैनात सीनियर कमांडेंट अनूप कुमार ने बताया कि बंदरगाहों के हाइब्रिड सुरक्षा मॉडल के निर्माण की दिशा में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने बंदरगाहों पर तैनात निजी सुरक्षा कर्मियों के लिए अपना पहला विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किया है। जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीए) मुंबई और चेन्नई बंदरगाह प्राधिकरण (सीएचपीए) में एक साथ शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य निजी सुरक्षा कर्मियों की क्षमता निर्माण, बंदरगाह सुरक्षा प्रोटोकॉल के मानकीकरण और सभी बंदरगाहों पर अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संहिताओं के अनुपालन को सुनिश्चित करके भारत के हाइब्रिड बंदरगाह सुरक्षा मॉडल को मजबूत करना है। भारत में लगभग 200 छोटे और मध्यम स्तर के बंदरगाह हैं, जिनमें से लगभग 65-68 ही सक्रिय रूप से कार्गो संचालन में लगे हुए हैं। सीआईएसएफ जहां सभी 13 प्रमुख बंदरगाहों की सुरक्षा करता है, वहीं निजी सुरक्षा एजेंसियां छोटे बंदरगाहों पर कार्गो क्षेत्रों, गोदामों, प्रवेश द्वारों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सभी बंदरगाहों पर एक समान और मानकीकृत सुरक्षा प्रोटोकॉल विकसित करने की आवश्यकता को समझते हुए, इस मामले पर सभी हितधारकों (बंदरगाह प्राधिकरण, सीमा शुल्क (Customs) विभाग, शिपिंग कंपनियाँ, माल ढुलाई एजेंट आदि) के साथ विचार-विमर्श किया गया और तदनुसार, बंदरगाहों के निजी सुरक्षा कर्मियों के लिए एक पायलट परियोजना के रूप में इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को शुरू करने का निर्णय लिया गया। दो सप्ताह का "बंदरगाह-सुविधा सुरक्षा पाठ्यक्रम", सीआईएसएफ द्वारा जहाजरानी (Shipping) महानिदेशालय और अन्य हितधारकों के परामर्श से तैयार किया गया है। यह निजी सुरक्षा कर्मचारियों को बंदरगाह संचालन, खतरे की पहचान और आपातकालीन प्रतिक्रिया के आवश्यक ज्ञान से लैस करेगा। पाठ्यक्रम में कानूनी ढाँचे, तकनीकी सुरक्षा उपकरणों के उपयोग और अंतर्राष्ट्रीय जहाज एवं बंदरगाह-सुविधा सुरक्षा (आईएसपीएस) संहिता के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय मानकों को भी शामिल किया गया है। सुरक्षा नियमों और प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए ढांचागत प्रशिक्षण प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किए गए हैं। सीआईएसएफ, सीमा शुल्क, समुद्री विभाग और बंदरगाह स्वास्थ्य संगठन के प्रशिक्षकों द्वारा संचालित, यह कार्यक्रम इनडोर कक्षा को व्यावहारिक अभ्यासों के साथ जोड़ता है, जिससे प्रतिभागियों को सुरक्षा घटनाओं का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए तैयार किया जाता है। इस प्रशिक्षण में लखनऊ एयरपोर्ट पर तैनाद सुरक्षा कर्मी भी भाग ले सकते हैं।